अब एक गाय 80 से अधिक बच्चे कर सकेगी पैदा, नई तकनीक ईजाद, देखें

करनाल : उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और अनुभवी संकायों के साथ राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल (National Dairy Research Institute, Karnal) उन्नत प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी (advanced reproductive biotechnology) में अनुसंधान और विकासात्मक गतिविधियों में सबसे आगे एवं एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान (research Institute) है।

भारत सरकार की पहल के अनुसार यह संस्थान अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) योजना के तहत अनुसूचित जाति (scheduled caste) के लाभार्थियों को महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अनुसूचित जाति के शोधकर्ताओं के साथ वैज्ञानिक ज्ञान साझा और विस्तार करने के लिए 11 से 20 नवंबर तक 10 दिवसीय ‘अंडाणु पिक-अप इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (ओपीयू-आईवीएफ)’ तकनीक पर व्यावहारिक प्रशक्षिण पूर्व उपमहानिदेशक (एएस), डॉ एमएल मदान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा संपन्न हुआ।

समापन समारोह में डॉ. एमएस चौहान, निदेशक एनडीआरआई (NDRI) ने बताया कि आम तौर पर एक गाय से हम उसके जीवनकाल में 5-8 बछड़े प्राप्त कर सकते हैं लेकिन ओपीयू-आईवीएफ तकनीक (OPU-IVF Technique) का उपयोग करके एक गाय 50-80 से अधिक बछड़ों का उत्पादन कर सकती है। इस प्रकार, यह गिर, साहीवाल, लाल-सिंधी जैसे बेहतर स्वदेशी जर्मप्लाज्म को गुणा करने में सबसे अच्छी तकनीकों में से एक है। इसके अलावा, पर्थक वीर्य (सेक्स सीमेन) के उपयोग से भी इस तकनीक का बेहतर उपयोग किया जाता है।

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