हरियाणा सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान इन लोगों को दिए जाएंगे 7000 रूपए, जानें पूरी जानकारी

चंडीगढ़ : बचपन से ही हम लोगों को यह पढ़ाया जाता है कि हमें जल का संरक्षण करना चाहिए. ताकि वक़्त आने पर वह हमारे काम आ सके जल कितना जरूरी है, इसका अंदाजा तब लगता है जब किसानो की फसल सिर्फ बारिश की एक बौछार के बिना समाप्त हो जाती है. इसलिए तो बचपन में हमने एक दोहा भी पढ़ा था, “रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून… “ये दोहा आज सच प्रतीत हो रहा है. जब किसानो की फसल पर पानी की बौछार ना पड़ने का असर पड़ रहा है.

हरियाणा में धान की फसल अब किसानो के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है क्योंकि एक तो इसमें पानी की बहुत अधिक खपत होती है ऊपर से किटनाशको का अंधाधुंध उपयोग. राज्य सरकार ने विविध प्रकार की फसल उगाने पर भी जोर दिया है. कई तरह की योजनाए भी शुरू की गई है जैसे कि “मेरा पानी-मेरी विरासत”. यह योजना अपनाने पर किसानो को 7 हज़ार रूपए प्रति एकड़ दिए जाते है.

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिन किसानो ने पिछले साल अपने खेत में धान की फसल बोई थी और इस साल वे अपने खेत में अन्य वैकल्पिक फसले जैसे मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, अरंडी, कपास, मक्का, अरहर, मूंग, सब्जियाँ या पशुचारा आदि लगाते है या अपने खेत को खाली छोड़ते है तो उन्हें “मेरा पानी -मेरी विरासत” योजना के तहत 7 हज़ार रूपए प्रति एकड़ दिए जाएंगे. ये पैसे उन्हें 2 किस्तों में दिए जाएंगे. पहली किस्त 2000 रूपए की तब जब खेत का भौतिक सत्यापन हो जायेगा और दूसरी 5000 रूपए की किस्त तब जब फसल की बिक्री हो जाएगी.

इस योजना में लाभ पाने के लिए किसानो को मेरा पानी -मेरी विरासत या मेरी फसल -मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 25 जून 2021 तक पंजीकरण करना होगा. अधिक जानकारी के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर भी कॉल कर सकते है.

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