हरियाणा में ऑनलाइन ठगी करने वाले 86 लाख के माल के साथ गिरफ्तार, ठगी करने का तरीका नहीं देखा होगा फिल्मों में भी

कैथल : जैसे-जैसे  डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. वैसे-वैसे साइबर क्राइम के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. ऐसा ही मामला कैथल में देखने को मिला. पुलिस ने  कैथल से दो युवकों को गिरफ्तार किया जो ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. कैथल में स्पेशल साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 872 स्मार्टफोन, 15 लाख का कैश और 86 लाख रुपए से अधिक की संपत्ति बरामद की है.

ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म का करते थे इस्तेमाल

एसपी लोकेंद्र सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि दोनों शातिर अपराधी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म से मोबाइल खरीद कर दिल्ली की गफ्फार मार्केट में बेच देते थे. दोनों युवकों के नाम सुधीर नारंग और रजत बताए जा रहे हैं. यह ऑनलाइन शॉपिंग ऐप की क्लोनिंग करके मोबाइल खरीदते और दिल्ली गफ्फार मार्केट में बेच देते थे. इन्होंने अमेजन बिजनेस के नाम से फर्जी आईडी बना रखी थी. 
दोनों युवकों ने इंटरनेट शॉपिंग एप के सैकड़ों क्लोन एप बना रखे थे. उनसे फर्जी आईडी और अलग-अलग पतों से अनेकों मोबाइल खरीदे थे. खरीदे हुए इन मोबाइलों को बिना बिल के बेचा जाता और कई गुना मुनाफा कमाया जाता था. ये दोनों इन मोबाइल फोन को दिल्ली में नगद रुपए में बेच अमेजॉन गिफ्ट वाउचर खरीदकर बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से रुपए कमाते थे. मोबाइल बेचने वालों को बहोत ज़्यादा कमीशन दिया जाता था.

पिट्ठू बैग में सामान ले जाता पकड़ा रंगे हाथ

पुलिस को सूचना मिली की गिरोह के सदस्यों में से एक रजत अपने घर से बैग में फोन डालकर बेचने के लिए निकलने वाला है. पुलिस उसके मकान पर पहुंची. जहां रजत पिट्ठू बैग लिए घर से बाहर निकल रहा था. बैग में पुलिस को 15 लाख नगद और 100 नए मोबाइल फोन मिले. पुलिस की टीम ने जब रजत के घर पर तलाशी ली तो वहां से रियल मी, रेडमी, इंफिनिक्स सैमसंग, वन प्लस, ओप्पो समेत 772 मोबाइल फोन मिले, जिनकी कीमत 71 लाख से ऊपर बताई जा रही है. इनमें से किसी भी फोन का बिल उसके पास नहीं था. पुलिस से पूछताछ के दौरान उसने सुधीर नारंग के बारे में भी खुलासा कर दिया, जिसके बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
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