आखिर मां का बेटा अर्जुन आ ही गया, भिवानी से आई ये कहानी फिल्मी नहीं, असली है, देखें

भिवानी : करनाल के शेखपुरा से ऐसी घटना सामने आयी है, जिसे सुनकर कोई भी भावुक हो जाएगा.  दरअसल 4 साल पहले करनाल के शेखपुरा गांव का निवासी 16 साल का अर्जुन अपने घर से बिछड़ कर किसी तरह महम पहुंच गया था.

जहाँ वह पुलिस को मिला तब पुलिस ने उसे भिवानी बाल कल्याण समिति को सौप दिया. तब से लेकर अब तक अर्जुन उर्फ़ कालू भिवानी के उसी बाल आश्रम में रह रहा था. वास्तव में वह मानसिक रूप से बीमारी था इसलिए अपने या अपने गांव के बारे में वह कुछ नहीं बता पा रहा था.

इसके बाद बाल कल्याण समिति के सदस्यो और क्राइम ब्रांच की टीम ने 4 साल बाद उसके बारे में पता लगा लिया और शनिवार को उसे उसके माँ-बाप से मिलाया गया. उसे देखते ही उसकी माँ प्रीति फूट-फूट कर रोने लगी. वह अपने आंसूओ को रोक नहीं पा रही थी. उसे उम्मीद नहीं थी की 4 साल बाद उसका खोया हुआ बेटा उसे वापस मिल जाएगा. बेटे को देखते ही माँ ने उसे अपने सीने से लगा लिया और रोने लगी.

भले ही बच्चे की मानसिक स्थिति ठीक ना हो लेकिन माँ को देखते ही उसने उन्हे पहचान लिया. वह भी अपनी माँ को देखकर अपने आंसू ना रोक पाया और अपने माता-पिता से लिपटकर रोने लगा. बता दें की बच्चे का पिता सतनाम का एक हाथ नहीं है, वह दिव्यांग है.ये नज़ारा देखकर देखने वालो के भी आंसू निकल आये.

बच्चे की माँ प्रीती ने बताया कि जब वह गुम हो गया था तो वह दिन-रात रोती रहती थी. माँ ने कहा कि भले ही उसका बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ है लेकिन माँ की ममता तो वही रहती है. उसे हर समय ये लगता था कि अर्जुन कही से उसे पुकारते हुए आ जाएगा. रोज अर्जुन क़ी याद आती थी.

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