स्कूली विद्यार्थियों को क्यों नहीं मिल पा रही छात्रवृत्ति, किताबें व ड्रेस, ये है वजह

रोहतक : नए शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों के पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के 40 फीसदी बच्चों को किताबें, ड्रेस व स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रही है। कारण, इन बच्चों के बैंक अकाउंट शिक्षा विभाग के पास अपडेट नहीं हैं। खाते अपडेट न होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि इन बच्चों के बैंक खाते खुले ही नहीं हैं। दो महीने से शिक्षक तक इन छात्रों के खाते खुलवाने के लिए धक्के खा रहे हैं। बैंक अकाउंट के लिए बच्चों के आधार कार्ड जरूरी हैं।

 

 

अगर शिक्षकों की मानें तो अभिभावक बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी बर्थ सर्टिफिकेट तक उन्हें उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। ऐसे में शिक्षक विभाग की पॉलिसी और फिर बच्चों के लिए जारी होने वाली सुविधाओं को उन तक पहुंचाने के बीच फंस गए हैं। पॉलिसी के मुताबिक शिक्षकों ने बगैर आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों के दाखिले तो कर लिए। लेकिन विभाग की ही योजनाओं का लाभ व अब इन्हीं कमियों के कारण उन तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

फिलहाल विभाग ने सभी बच्चों के खाते अपडेट कराने के लिए स्कूल प्रिंसिपल काे आदेश जारी किए हैं। मार्च में विभाग की तरफ से आई डाक में 163 बच्चों के खाते अपडेट कराने के आदेश किए गए थे। फिलहाल चल रहे नए दाखिलों में 42424 बच्चों ने पहली से आठवीं तक दाखिला लिया है, जिसमें से 40 प्रतिशत बच्चों ने बिना एसएलसी व बिना आधार के दाखिले कराएं हैं।

केवल 10% बच्चों के ही खुले खाते
हिसार रोड स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल के लगभग नए दाखिले 120 के आस-पास हुए हैं। जिसमें केवल अभी तक केवल 10 फीसदी ही बच्चों का खाता खुल पाया है। बैंक खाता न खुलने एक तरफ शिक्षक परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर बैंक चक्कर काट कर अभिभावक परेशान हैं। शिक्षकाें ने बताया कि स्कूल में ज्यादातर प्रवासी औैर यूपी बिहार के बच्चे हैं। विभाग की अाेर से सभी बच्चों का खाता खुलवाना अनिवार्य है, लेकिन हमारे सामने समस्या यह कि बैंक कर्मी अपनी मनमानी कर रहे हैं औैर अटपटे दस्तावेज मांग कर बच्चों के अभिभावकों काे वापिस भेज देते हैं। कई बार इस मामले में शिक्षक भी खुद बैंक गए है, लेकिन उन्हें यह बाेलकर भेज दिया जाता है कि कल कर देंगें।

विभाग को लिखा पत्र, नहीं आया जवाब: राजकीय प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि बच्चों के खाता खुलवाने में काफी परेशानी हाे रही है। नजदीक बैंक यूकाे, पीएनबी में जाने पर बाहरी प्रदेशों के बच्चों के खाते खाेलने के लिए मना कर दिया जाता है। इस मामले काे लेकर उन्होंने विभाग काे पत्र भी लिखा है। मगर अभी तक काेई जबाव नहीं आया है।

सरकार की ओर से बच्चों काे दी जाने वाली सुविधाएं: सरकारी स्कूलों में बच्चों काे ड्रेस, किताबें, स्कॉलरशिप की राशि सरकार द्वारा उनके बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करती है। जिसके चलते स्कूल की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का खाता खुलवाया जाता है। एडमिशन कराते ही छात्रों के बैंक अकाउंट खुलवाए जाते हैं। वहीं दूसरी अाेर पहले किताबें स्कूल में उपलब्ध कराई जाती थी। अभी तक विभाग द्वारा न ताे किताबें दी गई हैं और न ड्रेस। ऐसे में बिन किताबाें के बच्चें अपनी पढ़ाई कैसे जारी रख सकेंगें।

बिना आधार किए दाखिले, इसलिए आ रही समस्या
नए सत्र की दाखिला प्रक्रिया में सरकार ने बिना आधार कार्ड के दूसरे प्रदेशों से आए मजदूरों के बच्चों को एनरोल कराने के आदेश जारी किए थे। इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ गई और बच्चे स्कूल भी पहुंच गए। लेकिन इनका आधार के बिना बैंंक में खाता न खुलने की वजह से विभाग की किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पहले के सत्रों में भी ऐसी की समस्याएं आती रही हैं, यही कारण है कि बच्चे ड्राॅप आउट भी होते हैं।

बिना आधार बच्चों के दाखिले लिए गए हैं, बच्चे का बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए आधार जरुरी है। विभाग को सिस्टम में बदलाव करना चाहिए। ताकि स्कूल में दी गई बच्चे की डेट ऑफ बर्थ के आधार पर आधार बनवाए जाए या बैंक में बिना आधार कार्ड के अकाउंट खोले जाएं, क्योंकि बिना आधार के बच्चे का बैंक में अकाउंट नहीं खुलेगा। -आशा दहिया, डीपीसी

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