कैथल आएंगे यूपी CM योगी, 5000 से ज़्यादा संत शामिल होंगे भव्य महासम्मेलन में, क्या है खास? देखें

कैथल : हरियाणा के कैथल में गांव कैलरम के श्री सिद्ध बाबा ठंडू नाथ डेरे में तीन दिवस महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में संत समाज के चारों पंथों के देशभर से पांच हजार से ज्यादा संत शिरकत करेंगे। 27 मार्च को यूपी के सीएम महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यातिथि के तौर पर पहुंच रहे हैं।

इसके अलावा देश भर से कई बड़े महंत भी इसमें हिस्सा लेंगे। गांव कैलरम में पहली बार इतने बड़े व भव्य महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिस पर तीन करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। ग्रामीणों ने सम्मेलन के लिए रुपए इकट्ठा करना शुरू कर दिए हैं।

इस दौरान गांव में 11 दिन शराब पीने, बेचने व ताश खेलने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी और यह 18 मार्च से लागू हो गई है। इतना ही नहीं ग्रामीण 3 दिन दूध नहीं बेचेंगे और घर पर खाना भी नहीं खाएंगे। पूरे सम्मेलन में संत व श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार से ज्यादा रहेगी। सात एकड़ जमीन पर दो दिन तक अखंड भंडारा चलेगा। जिसमें लड्डू, जलेबी सहित सभी लजीज पकवान देसी घी से बनेंगे।

भंडारे के लिए सात एकड़ जमीन खाली की

श्री सिद्ध बाबा ठंडू नाथ डेरा के महंत योगी बालक नाथ, गांव के सरपंच नथूराम, पूर्व सरपंच पवन ने बताया कि 26 मार्च को मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, 27 मार्च को शंख ढाल व 28 मार्च को विशाल भंडारा लगाया जा एगा। इनसे पहले 18 मार्च से डेरे में महारुद्र यज्ञ शुरू होगा। यज्ञ शुरू होने से लेकर 28 मार्च को भंडारा विदाई तक गांव में शराब व ताश बंदी रहेगी। 26 मार्च से 28 मार्च तक कोई भी ग्रामीण डेयरी में दूध नहीं बेचेगा।

जो दूध है वह डेरे में भंडारे के लिए दान दिया जाएगा। 27 व 28 मार्च को गांव कैलरम व गांव तितरम के किसी घर में खाना नहीं बनेगा। सभी ग्रामीण भंडारे में ही प्रसाद ग्रहण करेंगे। भंडारे के लिए डेरे की सात एकड़ जमीन खाली की गई है। जहां दो दिन तक देसी घी से बने लड्डू, जलेबी जैसे लजीज पकवान भंडारे में मिलेंगे। 28 मार्च को हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी।

25 मार्च को गांव की 500 से ज्यादा महिलाएं कलश यात्रा निकालेंगी। 27 मार्च की रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। भंडारे के बाद गांव कैलरम व तितरम में घर-घर सवा दो किलो मिठाई बांटी जाएगी।

सम्मेलन में पूरे कलायत ब्लॉक को आमंत्रित किया गया है। भंडारे में महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग पंडाल बनाए गए हैं। पुरुषों के भंडारे में गांव के 500 युवा व महिलाओं के पंडाल में 200 महिलाएं सेवा देगी।

450 साल पुराना है डेरे का इतिहास

महंत योगी बालकनाथ ने बताया कि डेरे का इतिहास सैकड़ों साल से ज्यादा पुराना है। 450 साल पहले श्री सिद्ध बाबा ठंडू नाथ जी ने जिंदा समाधी ले ली थी। उसके बाद से डेरे की बहुत ज्यादा मान्यता है। हर रविवार को यहां ग्रामीण पूजा करने आते हैं।

131 फीट ऊंचाई का मंदिर बनाया गया है। मंदिर में 26 मार्च को मृर्ति प्राण प्रतिष्ठा होगी व सवा 11 फीट का कलश चढ़ाया जाएगा। हर साल एक जनवरी को डेरे में भंडारा लगाया जाता है। इतने बड़े सम्मेलन व भंडारे का पहली बार आयोजन हो रहा है।

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