देश-विदेश

कृपया ध्यान दें ! रेलयात्रा होगी सस्‍ती, रियायतें फिर होंगी लागू, अगले महीने से स्टेशनों से मिल पाएंगी टिकट

अंबाला : रेलयात्रा (Train Travel) जल्द ही सस्‍ती हो जाएगी और कोराेना काल में बढ़े रेल किराये पहले की तरह सामान्‍य हो जाएंंगे। इसके साथ ही रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) यात्रियों को 53 प्रकार की रियायत संबंधी सुविधा फिर से लागू करने जा रहा है। वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, खिलाड़ी, मीडिया और सैनिक की वीरंगनाओं आदि को मिलने वाली सस्ती टिकट अगले माह से मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यात्रियों का सफर सस्ता (Cheap) हो जाएगा। 25 से 75 प्रतिशत तक टिकट के बेसिक किराये (Basic Fare) में छूट दी जाती थी जो कोरोना काल की गाइडलाइंस (Corona Guidelines) के बाद बंद कर दी गई थी।

वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और खिलाड़ी को मिलने वाली रियायत कोरोना की गाइडलाइंस के बाद थी बंद

अब रेल मंत्रालय ट्रेनों से स्पेशल दर्जा हटाकर सुविधाओं को फिर से लागू करेगा। इतना ही नहीं लंबी दूरी की रेल टिकट भी अब यात्रियों को अनरिर्जव टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) से ही मिलने लगेगी। मौजूदा समय में चुनिंदा ट्रेनों (Selected Trains) की टिकट ही यूटीएस (Unreserved Ticketing System) से मिलती हैं, जिस कारण यात्रियों पर किराए का बोझ अधिक पड़ता है। स्पेशल ट्रेन का दर्जा हटते ही किराये में भी कमी आ जाएगी।

बता दें कि कोरोना काल में रेल टिकट पर मिलने वाली रियायत पर रेलवे ने कैंची चला दी थी। पहले कंप्यूटर (Computer) पर यात्री की उम्र फीड होते ही यात्री को अपने आप रियायती टिकट मिल जाती थी। स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Department) की गाइडलाइंस के बाद रिजर्वेशन कार्यालय में साफ्टवेयर (Software) में रियायती टिकट पर पाबंदी लगा दी गई थी। करीब पौने दो साल से यात्रियों को स्पेशल दर्जे की ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ती थी।

इनको मिलती है रियायत

शारीरिक रूप से दिव्यांग यात्री को स्लीपर और थर्ड एसी में 75 प्रतिशत जबकि प्रथम और सेकेंड एसी में 50 प्रतिशत छूट मिलती है। नेत्रहीन यात्री के साथ यात्रा करने वाले को भी राजधानी और शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण गाडि़यों में थ्री एसी श्रेणी में 25 प्रतिशत तक की छूट मिलती थी।

अलग-अलग तरह की बीमारियों पर भी रियायत दी जाती है। कैंसर रोगी और उसके साथ यात्रा करने वाले को 75 प्रतिशत और यही सुविधा थैलेसीमिया और हार्ट रोगियों को भी मिलती है। 60 वर्ष की उम्र या इससे पार वरिष्ठ नागरिकों में पुरुषों को सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत व 58 वर्ष या इससे पार वरिष्ठ नागरिक महिला को 50 प्रतिशत तक छूट का प्रविधान है। राष्ट्रपति, पुलिस पदक और प्रशंसनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुरस्कार विजेताओं को भी 50 प्रतिशत तक छूट दी जाती है। इस तरह 53 प्रकार की छूट दी जाती है।

जेबें नहीं होंगी हल्की

फिलहाल यात्रियों को मजबूरन कंप्यूटरीकृत आरक्षण टिकट खरीदकर यात्रा करनी पड़ती है। उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, उड़ीसा और अन्य राज्यों में सामान्य टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को भी महंगी टिकट खरीदनी पड़ रही है। जब यूटीएस से लंबी दूरी की टिकटें मिलने लगेंगी और स्पेशल ट्रेन का दर्जा हट जाएगा तो ऐसे यात्रियों को सामान्य डिब्बे में फिर से सस्ती यात्रा करने का अवसर मिल जाएगा। सूत्रों का कहना है कि 30 नवंबर के बाद यह सुविधा कभी भी शुरू की जा सकती है।

वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और खिलाड़ी को मिलने वाली रियायत कोरोना की गाइडलाइंस के बाद थी बंद

अब रेल मंत्रालय ट्रेनों से स्पेशल दर्जा हटाकर सुविधाओं को फिर से लागू करेगा। इतना ही नहीं लंबी दूरी की रेल टिकट भी अब यात्रियों को अनरिर्जव टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) से ही मिलने लगेगी। मौजूदा समय में चुनिंदा ट्रेनों की टिकट ही यूटीएस से मिलती हैं, जिस कारण यात्रियों पर किराए का बोझ अधिक पड़ता है। स्पेशल ट्रेन का दर्जा हटते ही किराये में भी कमी आ जाएगी।

बता दें कि कोरोना काल में रेल टिकट पर मिलने वाली रियायत पर रेलवे ने कैंची चला दी थी। पहले कंप्यूटर पर यात्री की उम्र फीड होते ही यात्री को अपने आप रियायती टिकट मिल जाती थी। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद रिजर्वेशन कार्यालय में साफ्टवेयर में रियायती टिकट पर पाबंदी लगा दी गई थी। करीब पौने दो साल से यात्रियों को स्पेशल दर्जे की ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ती थी।

इनको मिलती है रियायत

शारीरिक रूप से दिव्यांग यात्री को स्लीपर और थर्ड एसी में 75 प्रतिशत जबकि प्रथम और सेकेंड एसी में 50 प्रतिशत छूट मिलती है। नेत्रहीन यात्री के साथ यात्रा करने वाले को भी राजधानी और शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण गाडि़यों में थ्री एसी श्रेणी में 25 प्रतिशत तक की छूट मिलती थी।

अलग-अलग तरह की बीमारियों पर भी रियायत दी जाती है। कैंसर रोगी और उसके साथ यात्रा करने वाले को 75 प्रतिशत और यही सुविधा थैलेसीमिया और हार्ट रोगियों को भी मिलती है। 60 वर्ष की उम्र या इससे पार वरिष्ठ नागरिकों में पुरुषों को सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत व 58 वर्ष या इससे पार वरिष्ठ नागरिक महिला को 50 प्रतिशत तक छूट का प्रविधान है। राष्ट्रपति, पुलिस पदक और प्रशंसनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुरस्कार विजेताओं को भी 50 प्रतिशत तक छूट दी जाती है। इस तरह 53 प्रकार की छूट दी जाती है।

जेबें नहीं होंगी हल्की

फिलहाल यात्रियों को मजबूरन कंप्यूटरीकृत आरक्षण टिकट खरीदकर यात्रा करनी पड़ती है। उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, उड़ीसा और अन्य राज्यों में सामान्य टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को भी महंगी टिकट खरीदनी पड़ रही है। जब यूटीएस से लंबी दूरी की टिकटें मिलने लगेंगी और स्पेशल ट्रेन का दर्जा हट जाएगा तो ऐसे यात्रियों को सामान्य डिब्बे में फिर से सस्ती यात्रा करने का अवसर मिल जाएगा। सूत्रों का कहना है कि 30 नवंबर के बाद यह सुविधा कभी भी शुरू की जा सकती है।

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