सिंघु बॉर्डर पर दीपावली की रात किसानों की झोपड़ियों में भीषण आग; दहल उठे किसान

सोनीपत : 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर जमे किसानों की झोपड़ियों में दीपावली की रात फिर आग लग गई। आग किसानों की ट्रॉली से फैली और फिर तीन झोपड़ियों तक चली गई। आगजनी के बीच एक जोरदार धमाका भी हुआ।
झोपड़ियों में आग लगने के बाद भागते हुए लोग। - Dainik Bhaskar

आग के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। सूचना के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन किसान इसे साजिश बता रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर दीपावली की रात जब किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के नाम दो दीपक जलाकर श्रद्धांजलि देने में लगे थे, उसी दौरान टीडीआई कुंडली के सामने बनी किसानों की झोपड़ियों में आग भड़क उठी। बताते हैं कि आगजनी की घटना वहां खड़ी ट्रॉली, जिसे टेंट का रूप दिया गया था, से शुरू हुई।

फिर तेज धमाका हुआ, जो कि किसी सिलेंडर या ट्रॉली का टायर फटने का बताया जा रहा है। धमाके से किसान दहल उठे। कुछ देर बाद ही आग पास की झोपड़ियों में फैल गई। यह तीनों झोपड़ियां गांव चाला पाला लहसाड़ा जिला नवांशहर पंजाब के किसानों की बताई जा रही हैं। आग की सूचना के बाद किसान झोपड़ियों से बाहर निकल आए थे, लेकिन इनमें भरा सामान जल कर राख हो गया।

बिजली करंट ने डराया

आगजनी की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची। इससे पहले किसान भी आग पर काबू पाने के प्रयास में लगे थे। हवा तेज चल रही थी और किसानों को चिंता सता रही थी कि कहीं आग पास की अन्य झोपड़ियों में न फैल जाएं। इससे बड़ा हादसा हो सकता था।

फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर पानी शुरू किया तो किसान भयभीत हो गए। क्योंकि जिन झोपड़ियों में आग लगी थी, वहां बिजली सप्लाई चालू थी। ऐसे में पानी की बौछारों के साथ करंट लगने का भय सता रहा था। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

20 दिन में आगजनी की दूसरी घटना
इससे पहले 16 अक्टूबर को सुबह 4 बजे टीडीआई मॉल के सामने लगे कुरुक्षेत्र के अथीरा गांव के किसानों के टेंट में आग लग गई थी। इसमें 3 व्यक्ति सो रहे थे। शोर शराबा सुन कर बाहर आ गए। आगजनी से एक पंखा, एक कूलर, एक बाइक जल गई। आग को वही के पास के लोगों ने बुझा दिया।

आग से झुलस चुका है व्यक्ति
सिंघु बॉर्डर पर इस साल आगजनी की 7 घटनाएं हो चुकी हैं। गनीमत रही कि कोई जान माल का बड़ा नुकसान नहीं हो पाया। 19 मार्च, 2021 को बॉर्डर पर एक सिलेंडर में आग लग गई। आग लगने से टेंट व उसमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने के प्रयास में एक किसान के हाथ, पैर व मुंह भी झुलस गया।

इसके बाद 23जुलाई को किसानों के तीन पंडालों में आग लग गई। आग से कुंडली बॉर्डर पर लंगर के पंडाल के नजदीक किसानों के दो पंडाल व एक ट्राली में बनाए गए आशियाने में नुकसान हुआ। दर्जनों किसानों का करीब एक माह का राशन, कुर्सियां, गद्दे और अन्य कई सामान जलकर राख हो गए। खास बात यह है कि 10 मिनट के अंतराल में ही करीब 5 झोपड़ियों के बाद बनाए गए एक अन्य पंडाल में आग लग गई, जिससे काफी सामान जलकर राख हो गया।

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