हरियाणा में इन National Highways पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होंगे, ये लोग होंगे लाभान्वित

सोनीपत : इस वित्त वर्ष में नेशनल हाईवे (National Highways) की लंबाई बढ़ाने की बात कही। भाजपा सरकार के नए भारत के दृष्टिकोण से सड़कें उतनी ही जरूरी है, जितना कि बजट में शामिल अन्य चीजें। क्योंकि सड़कें एक ऐसा साधन है जो आम आदमी को एक दूसरे के करीब लाती हैं। अच्छी सड़कें होंगी तो आवागमन सुगम होगा और वस्तुओं का भी व्यापार आसानी से होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2022-23 के लिये देश भर में नेशनल हाइवे को 25 हजार किलोमीटर बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।

इसके लिए उन्होंने प्रस्तावित बजट 20 हजार करोड़ रुपये रखा है। जाहिर सी बात है कि नेशनल हाईवे की बात होगी तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ही काम करना होगा। देश भर में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपना काम कर रही है, लेकिन बात हरियाणा की करें तो प्रदेश में अथॉरिटी का काम अलग ही लेवल का है। ये आज की बात नहीं है सालों से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया प्रदेश को तवज्जो देती आ रही है। हालांकि इसके पीछे का मकसद दिल्ली नजदीक होना है। अभी तक प्रदेश में 35 से अधिक नेशनल हाईवे हैं, जिनकी कुल लंबाई 3200 किलोमीटर से अधिक हैं। अभी प्रदेश में कई प्रोजेक्ट पर धरातल पर काम चल रहा है तो कई प्रोजेक्ट अभी पाइपलाइन में हैं।

12 प्रोजेक्ट हैं लाइन में

प्रदेश में इस समय 35 से अधिक नेशनल हाईवे ऐसे हैं, जोकि हरियाणा से गुजरते हैं। जिनकी कुल लंबाई 3,237 किलोमीटर है। भविष्य के लिये 12 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जोकि नेशनल हाईवे हैं या हाईवे का ही हिस्सा रहेंगे। वहीं भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। कुल 670 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 130 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में हैं। एक्सप्रेस-वे झज्जर जिले के जसौर खेड़ी गांव के पास से केएमपी से शुरू होकर खरखौदा, जींद के रास्ते संगरूर के जरिये पंजाब से होते हुए कटड़ा तक जाएगा। एक्सप्रेस-वे का अनुमानित खर्चा 35 हजार करोड़ रुपये तय की गई है।

कुल 12 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिस पर नेशनल हाइवे काम कर रहा है। इनमें से कुछ पर काम शुरू हो चुका है, जबकि कुछ के नाम भी तय नहीं हो पाए हैं, लेकिन ये सभी प्रोजेक्ट हैं धरातल पर। इसमें यूपी के शामली को अंबाला से जोड़ने वाला 101 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे, जगाधरी को पोंटा साहिब के जरिये हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला 34 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे, अंबाला से चंडीगढ़ का 41 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे शामिल हैं। इसी तरह शाहबाद से ठोल ग्रीनफील्ड, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के लिये फरीदाबाद में ग्रीनफील्ड कनेक्टिविटी, धारूहेड़ा से भिवाड़ी, मंडी से गोबिंदगढ़-खन्ना बाईपास, अंबाला व करनाल के रिंग रोड भी शामिल हैं।

प्रदेश भर को होगा फायदा

देश भर में 25 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे की लंबाई बढ़नी है तो लाजिमी है कि प्रदेश के हिस्से में लगभग 1 हजार किलोमीटर की बढ़ोतरी होनी तय है। इसमें से 130 किलोमीटर तो दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे के ही हो गए। इसके अलावा दिल्ली-वड़ोदरा-मुम्बई के प्रोजेक्ट में भी प्रदेश की हिस्सेदारी रहेगी। कुल मिलाकर जितना बड़ा सड़कों का नेटवर्क हरियाणा में है और आगे बढ़ने जा रहा है। उसका सीधा सा फायदा आम आदमी को होगा। अच्छी सड़कें होंगे तो आवागमन सुलभ होगा, जिससे रोजगार के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि बड़े उद्योगपतियों को छोड़ दें तो मध्यम एवं छोटे स्तर के उद्योगपति या व्यापारी हमेशा ट्रांसपोर्ट को लेकर परेशान रहते हैं। मजबूत सड़कों के जाल के जरिये आर्थिक प्रगति की ओर भी प्रदेश अग्रसर होगा।

25 हजार किलोमीटर के लिये 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान जो बजट में रखा गया है, उससे पूरे देश में रोड नेटवर्क को मजबूती मिलेगी। प्रदेश में पहले से एनएचएआई के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-बॉम्बे एक्सप्रेस वे में हरियाणा का भी हिस्सा है। यह निश्चित है कि इस साल प्रदेश का नेशनल हाईवे का नेटवर्क बढ़ेगा। 334बी का काम लगभग पूरा हो चुका है। 352-ए का 30 प्रतिशत काम हो चुका है। जीटी रोड विस्तारीकण कर कुछ हिस्सा सोनीपत में बाकि है, उस पर काम हो रहा है। इसके अलावा कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट हैं, जिन पर काम किया जा रहा है। – आनंद दहिया, डीजीएम, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया

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