राष्ट्रसम्मान की कोशिश में साजिश का शिकार हुआ करनाल का युवक विशाल सिडनी की जेल से 15 अक्टूबर को होगा रिहा

करनाल : हरियाणा के रहने वाले विशाल जूड ऑस्ट्रेलिया की जेल से जल्द रिहा हो जाएंगे। विशाल वहां स्टडी वीजा पर गए थे। तिरंगे की रक्षा के लिए वो खालिस्तानियों से भिड़ गए थे। इसी के बाद से पिछले करीब साढ़े 4 महीने से सिडनी की जेल में है। उन पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और जानलेवा हमले का आरोप है। विशाल बेगुनाह साबित हुए हैं और वो 15 अक्टूबर को रिहा कर दिए जाएंगे।

ये था पूरा मामला
24 साल के विशाल हरियाणा के करनाल जिले में गांव कलेडी के रहने वाले हैं। वो समय पहले पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे। 2020 के आखिरी महीनों में ऑस्ट्रेलिया में अलग-अलग जगहों पर किसान आंदोलन को लेकर खालिस्तानी जुलूस और प्रदर्शन कर रहे थे। पर्थ, सिडनी और मेलबर्न जैसे शहरों से भी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां पर खालिस्तानियों ने भारतीयों के व्यापार और दुकानों पर हमले किए गए। ऑस्ट्रेलिया में भी विरोध प्रदर्शन किए गए थे। सिडनी के क्वेकर्स हिल में एक विरोध प्रदर्शन में विशाल और उनके दोस्त भारत-विरोधी, झूठी बयानबाजी का विरोध करने गए थे। उन पर खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने हमला बोल दिया।

भारत विरोधी ताकतों ने विशाल को फंसाया
उस दौरान सिडनी के एक गुरुद्वारे से तिरंगे के जलाए जाने का भी समाचार आया। इस घटना के प्रतिकार में भारतीय छात्रों ने भी खालिस्तानी झंडा जलाया । उसी समय ऐसे कई वीडियो इंटरनेट पर आने लगे, जिनमें भारती भी खालिस्तानी समर्थकों के विरोध में कार रैली और प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसा ही मौका ढूंढकर खालिस्तानियों ने मीडिया और पुलिस में यह नैरेटिव रचते हुए विशाल पर निशाना साधा और उसे फंसवाया। दावा किया गया कि हिंदुओं पगड़ी पहनने वाले सिखों पर हमले कर रहे हैं।

वकील ने कोर्ट में दिखाया वीडियो
विशाल के वकील ने कोर्ट में एक वीडियो दिखाया जो सिडनी के क्वेकर्स हिल का है। वीडियो दिसंबर 2020 का है, जहां भारत के किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने विशाल पर हमला कर दिया था। इस वीडियो में विशाल तिरंगा फहराते हुए दिख रहे हैं। और ये भी दिख रहा है कि विशाल को कई बदमाश घेरकर उसपर हमला कर रहे हैं। वीडियो में प्रदर्शनकारी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गालियां दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर मिली धमकियां
विशाल को भारत विरोधी ताकतों ने सोशल मीडिया के जरिए धमकियां देना शुरू कर दिया। 14 फरवरी 2021 को, विशाल ने तिरंगा कार रैली में भाग लिया। वकील के मुताबिक रैली के अंत में शाम लगभग साढ़े 4 बजे 12 से ज्यादा आयोजक जोन्स पार्क पर्रामट्टा में जलपान कर रहे थे। उस दौरान 100 के करीब लोगों ने इन्हें घेर लिया और भारत विरोधी नारे लगाने लग गए। खूब हंगामा हुआ।

विशाल पर पुराने केस भी लगाए गए
16 अप्रैल को विशाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और आरोप है कि उसके खिलाफ 6 महीने पुराने हमले के केस भी मढ़ दिए गए। जिन 3 पगड़ीधारी सिखों पर हमले का आरोप विशाल झेल रहा है, वो सभी कट्‌टरपंथी और खालिस्तान समर्थन बताए जा रहे हैं। तब से विशाल सिडनी की जेल में है और भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में उसकी रिहाई के लिए मांग उठती रही है।

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक इसके बाद शाम करीब 7 बजे जब विशाल विग्राम स्ट्रीट के नुक्कड़ पर खड़ा था तो एक कार से कुछ लोग बाहर आए, जिनमें से एक के हाथ में बेसबैट था। उन्होंने विशाल पर हमला कर दिया तो विशाल ने बेसबैट छीनकर उनका मुकाबला किया। उनकी एक कार की खिड़की तोड़ दी। इसी के चलते उस पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा।

Summary : Vishal Jude, who hails from Haryana, will be released from jail in Australia soon. Vishal had gone there on a study visa. He fought with Khalistanis to protect the tricolor. Since then, he has been in Sydney jail for the last four and a half months. He is charged with damage to property and murder. Vishal has been proved innocent and will be released on October 15.

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