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सुपरिंटेंडेंट ने जहर खाकर दी जान, मरते मरते अपने साथियों से लगा रहे थे गुहार, छोड़ा 4 पेज का सुसाइड नोट

पानीपत : हरियाणा के पानीपत में बिजली निगम के समालखा डिवीजन के कार्यालय में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने शौचालय में जाकर जहर खा लिया। इसके साथ ही कार्यालय में जहर की दुर्गंध फैल गई। स्टाफकर्मियों डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि मैंने जहर खा लिया है। इतना कहते ही उन्होंने बची हुई पांच गोली टेबल पर रखी और चार पेज का सुसाइड नोट भी स्टाफकर्मियों को पकड़ा दिया। समालखा डिवीजन में तैनात जेई राधे कृष्ण ने बताया कि दुर्गंध आने पर वह डिप्टी सुपरिंटेंडेंट चक्रवर्ती शर्मा के पास गए थे। वह गर्दन झुकाए परेशान बैठे थे, चेहरा नीला पड़ता जा रहा था। पूछने पर उन्होंने जहर की तीन से चार गोली खाने की बात कही। तुरंत ही एंबुलेंस बुलाई और अस्पताल के लिए रवाना हुए। रास्ते में चक्रवर्ती कहते जा रहे थे कि तुम्हारा भाई बेकसूर है, उसे झूठे केस में फंसाया जा रहा है। फिर निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। जेई ने चक्रवर्ती शर्मा की ओर से दिए सुसाइड नोट और बची हुई जहर की गोलियां समालखा पुलिस को सौंप दी। 

वह बिजली निगम के सेवानिवृत्त कर्मियों की ग्रेच्युटी और भत्तों के फर्जी भुगतान में नाम आने से आहत था। चार पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने यमुनानगर स्थित बिलासपुर बिजली निगम के एक्सईएन, एलडीसी और एकाउंटेंट समेत चार पर गबन करने का आरोप लगाया है। यह भी कहा है कि चारों उस पर रकम भरने का दबाव बना रहे थे जबकि वह बेकसूर है। समालखा थाना पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर चारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

डिप्टी सुपरिंटेंडेंट की पत्नी ने पुलिस को दी शिकायत
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में करनाल के हांसी रोड स्थित शिवाजी कॉलोनी निवासी चक्रवर्ती शर्मा की पत्नी सीमा केस दर्ज कराया है। उन्होंने शिकायत में कहा कि पति समालखा में तैनाती से पहले चार माह बिलासपुर यूएचबीवीएन में रहे। उस दौरान एक्सईएन नीरज कांबोज, एलडीसी राघव वधावन, हेड क्लर्क राकेश नंदा और अकाउंटेंट ने मिलकर गबन किया और पति पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस वजह से वह तनाव में थे। पति पर गबन की गई रकम देने का दबाव बनाया जा रहा था। 

चार पेज सुसाइड नोट 
चक्रवर्ती शर्मा ने एसएसपी पानीपत के नाम लिखे सुसाइड नोट में कहा है कि वह 22 सितंबर 2021 को प्रमोशन पाकर सब डिवीजन रामनगर से सब डिवीजन बिलासपुर में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के तौर पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अकाउंट ब्रांच से बाउचर एलडीसी बनाता है। अकाउंटेंट उसका रिकॉर्ड चेक कर सत्यापति करता है और एक्सईएन उसे पास करता था और अंत में वाउचर भुगतान के लिए हेड क्लर्क के पास आता है। इसे ऑनलाइन सिस्टम पर चढ़ाया जाता है। सबमिट होने के बाद एक्सईएन के पास ओटीपी आता है। एक्सईएन ही हेड क्लर्क को ओटीपी देता है। इसके बाद बैंक भुगतान करता है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर डिवीजन में चार माह के दौरान एक्सईएन ने उससे कहा कि प्रक्रिया पूरी करने के बाद सभी चेक एलडीसी राघव को देने है। वह आदेश का पालन करता रहा। उसे नहीं पता था कि एक्सईएन, अकाउंटेंट और एलडीसी गबन कर रहे है। उनका कोई कसूर नहीं है। सुसाइट नोट में चक्रवर्ती शर्मा ने अपने साथ एक और हेड क्लर्क राकेश नांदा को भी निर्दोष बताया है।

ऐसे हुआ खुलासा
गांव कारद निवासी सुरेश ने आठ फरवरी को पुलिस से शिकायत की थी कि वह टैक्सी चलाता है। अजय और कमल शर्मा ने लोन देने के लिए उसे बैंक खाते का नंबर लिया था। इसके बाद खाते में करीब 3.78 लाख रुपये जमा हुए। फिर दोनों ने बताया कि गलती से खाते में रकम आ गई है।  जिस पर उसने रकम वापस कर दी। बाद में खाता चेक करने पर पता चला कि उसे बिजली विभाग से भुगतान हुआ था, जिस पर किसी धोखाधड़ी की आशंका से बचाव के लिए पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस की जांच में मामला यमुनानगर तक पहुंच गया।

‘तुम्हारे पापा कहते थे, बेटे ऐसी जगह चले गए कि दाग भी नहीं दे पाएंगे, सच हो गया’
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट चक्रवर्ती शर्मा की मौत से परिवार मातम छा गया है। बड़ा यश और छोटा बेटा नीलमणि कनाडा में हैं। बिजली कर्मियों ने उनकी पत्नी को मौत की सूचना दी। वह अस्पताल पहुंचीं तो पति के शव देखते ही बेहोश होकर गिर पड़ीं। होश आया तो सबसे पहले छोटे बेटे नीलमणि को वीडियो कॉल की। रोते-बिलखते बेटे को पिता की मौत की सूचना दी और कहा कि बेटे चाहे कितने भी रुपये लग जाएं, चाहे तीन लाख रुपये में टिकट हो, अभी करा लो और अंतिम संस्कार से पहले आ जाओ। फिर उन्होंने कहा कि तुम्हारे पापा कहते थे कि बेटे ऐसी जगह चले गए हैं कि दाग भी नहीं दे पाएंगे, देखो सच हो गया। मां ने कहा कि आ जाओ। दोनों नहीं तो कम से कम एक ही आ जाओ।  

पिता की कैंसर से हुई थी मौत, उनकी जगह लगी थी चक्रवर्ती की नौकरी
परिजनों ने बताया कि चक्रवर्ती के पिता शिवदत्त शर्मा की कैंसर से मौत हो गई थी। वह बिजली निगम में थे। उनकी जगह पर चक्रवर्ती को नौकरी मिली थी। चक्रवर्ती तीन भाइयों में सबसे छोटे  थे। सबसे बड़े भाई देवानंद पानीपत मॉडल टाउन में रहते हैं और मंझले भाई नवरत्न पंजाब के राजपुरा में रहते हैं।

ऑफिस जाने से पहले बच्चों से की थी बात 
पत्नी सीमा ने बताया कि पति कई दिन से परेशान चल रहे थे। मंगलवार को ऑफिस नहीं जाने दिया था, लेकिन बुधवार को उन्होंने ऑफिस जाने की जिद की। ऑफिस जाने से पहले दोनों बेटों से वीडियो कॉल पर बात भी की। 

सुसाइड नोट के तीसरे और चौथे पेज पर पत्नी और बच्चों के लिए लिखा 
सुसाइड नोट के तीसरे और चौथे पेज में पत्नी और बेटों के लिए लिखा है। उन्होंने लिखा कि मेरी प्रिय पत्नी मुझे गलत न समझना। मेरी काफी बेइज्जती हो चुकी है। लगभग हर व्यक्ति को सफाई देनी पड़ रही है। पत्नी से माफी मांगते हुए लिखा कि इज्जत खोकर जी नहीं सकता। बच्चों का ख्याल रखना। फिर बेटों के लिए लिखा कि बच्चों अपनी मम्मी का ख्याल रखना, वह बहुत सीधी है। अगले जन्म में मेरी दोबारा मुलाकात होगी। तब तक के लिए राम-राम। अपनी मम्मी को अपने साथ लेकर चले जाना। आपका पापा। ऊं नम: शिवाय:

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