स्कूल न खोलने को लेकर प्राइवेट स्कूल के संचालकों का झलका दर्द, जब सब कुछ खुला तो स्कूल बंद क्यों?

अंबाला : स्कूल न खोले जाने को लेकर प्राइवेट स्कूल के संचालकों में रोष व्याप्त है. प्राइवेट स्कूल के संचालक सरकार के स्कूलों के न खोलने के फैसले को लेकर खफा है. संचालकों ने कहा कि काफी लंबे समय से स्कूल बंद है अभी कोरोना की रफ़्तार पर काबू भी पाया जा चुका है तो फिर सरकार स्कूल खोलने को लेकर क्यों निर्णय नहीं ले पा रही है.

 

उन्होंने कहा कि इतना लंबा समय बीतने के बाद भी स्कूल न खुलने से विद्यार्थी भी परेशान हैं. उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक गया है. बता दें कि इस मामले में प्राइवेट स्कूल संचालक जिला विधायक व शिक्षा मंत्री से भी मिले थे. लेकिन फिर भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि अब जबकि कोरोना के मामालों में लगातार कमी देखी जा रही है, तो ऐसे में सरकार को स्कूल खोलने संबंधित निर्णय भी लेना चाहिए, ताकि विद्यार्थी भी अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रख पाए तथा प्राइवेट स्कूल संचालक भी अपनी व्यवस्थाओं को सुधार पाएं.

बता दें कि इससे पहले भी स्कूल खोलने को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की जानकारियां सामने आई थीं. जिनमें यह दावा किया जा रहा था कि सरकार जल्द स्कूल खोलने को लेकर निर्णय ले सकती है. लेकिन तब चुप्पी तोड़ते हुए खुद शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने इन खबरों का खंडन किया था और उन्होंने कहा था कि हमारे लिए विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है. किसी भी दशा में विद्यार्थियों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. अभी भी विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में डर है. ऐसे में स्कूल खोलना एक जल्दबाजी में लिया गया निर्णय होगा. सरकार स्कूल खोलने का निर्णय वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ही लेगी.

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