ब्रेकिंग न्यूज़

नियम 134 A में हो रही है धांधली, एचपीएससी का दावा; हाइकोर्ट पहुंची एसोसिएशन, देखें मामला

चंडीगढ़ : हरियाणा प्रोगेसिव स्कूल कांफ्रेस के प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को लेकर बैठक की। एचपीएससी के वाइस प्रेसीडेंट सुरेश चंद्र ने बताया कि सरकार 2015 के अंदर हाईकोर्ट का आदेशों को नजरअंदाज करते हुए 134 A के तहत मुफ्त एडमिशन देने का दबाव बना रही है। लेकिन सरकार आरटीई के तहत रिइंबसमेंट नहीं दे रही। इसलिए हमने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है।

student

मामले की अगली तारीख 28 फरवरी लगी हुई है।134 ए में एडमिशन के लिए अंतिम तिथि 24 दिसंबर है। एचपीएससी ने कहा कि सरकार आरटीई के तहत रिइंबसमेंट नहीं दे रहा। रिइंबसमेंट के तौर पर मात्र 300 रुपये प्राइमरी, 500 रुपये मिडिल स्टूडेंटस को दिए जाते हैं। जबकि हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को कोई रिइंबसमेंट नहीं दी जा रही है।

एचपीएससी के सुरेश चंद्र ने बताया कि सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दस हजार बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए भेज दिया है। जबकि इनके लिए सरकारी स्कूल में कोई पेपर नहीं लिया गया। जबकि प्राइवेट स्कूलों में 31 हजार बच्चों को एडमिशन दिया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों के बच्चों का टेस्ट कंडक्ट किया। 134 ए उन बच्चों के लिए बना था जो कि प्रतिभान है। परंतु आर्थिक कारणों से अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ सकता। हमने चेलेंज किया।

4800 बच्चे अब हुए गरीब

राज्य प्रवक्ता सौरभ कपूर और प्रंशात मुंजाल ने बताया कि देश के स्कूलों में करीब 4800 बच्चें ऐसे हैं जो कि पहले प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे थे। परंतु अब अपनी आय एक लाख 80 हजार से नीचे दिखा रहे हैं और एडमिशन के लिए 134 ए के तहत आवेदन कर रहे हैं। ऐसे में ये बच्चे अब गरीब यह नियम 134 ए के तहत धांधली की जा रही है।वीरवार को मौलिक शिक्षा निदेशक के साथ बैठक हुई। उन्होंने हमारी बात को सुना गया कि यह फर्जीवाड़ा है, इसका मिसयूज हो रहा है। सीएम से बात करके फीडबैक देंगे।

हरियाणा शिक्षा बोर्ड कैसे ले सकता है सीबीएसई के बच्चों का एग्जाम

प्रवक्ता सौरभ कपूर व प्रशांत मुंजाल ने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने एक लेटर जारी किया जिसमें वर्ष 2021-22 में प्रदेशभर में सभी निजी व सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को बोर्ड एग्जाम देना होगा। हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी, सीबीएसई व अन्य बोर्ड से अनुबंध रखने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से हरियाणा बोर्ड कैसे एग्जाम ले सकता है। सरकार अपना निर्णय थापने का काम कर रही है। इसलिए इस निर्णय के विरुद्ध हाइकोर्ट में जाएंगे।

स्कूलों के रिव्यू के नाम पर मांगी जा रही है प्लजमनी

सचिव राजीव कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार दस साल से पुराने स्कूलों को फार्म दो भरने हुए स्कूलों को मान्यता को रिव्यू करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। रिव्यू के नाम पर हरियाणा सरकार ने स्कूलों को तीन महीने की सेलरी को प्लजमनी जमा करवाने के लिए कहा है। सरकार इस पॉलिसी को हटाए। यदि स्कूल प्लजमनी देते हैं तो इसका वित्तीय बोझ भी अभिभावकों पर पड़ेगा।

Related Articles

Back to top button
निधन से पहले आखिरी रात को कहां थीं आकांक्षा? मेकअप आर्टिस्ट ने किया खुलासा भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की आखिरी पोस्ट, वीडियो में मिले संकेत What is the use of Bard AI in Google? Google Launches BARD AI Chatbot To Compete With ChatGPT Liverpool obliterate shambolic Man Utd by record margin How Liverpool dismantled Manchester United 7-0 Jon Jones returns to win UFC heavyweight title in 1st round Kelsea Ballerini Takes ‘SNL’ Stage for the First Time Kelsea Ballerini shines on ‘SNL’ stage Matt Hancock plotted to oust the chief executive of NHS England