नियम 134-ए: अभिभावकों ने निजी स्कूल संचालकों के घर फेंके गंदगी से भरे मटके

सोनीपत : नियम 134-ए के तहत अलॉट स्कूलों में पात्र विद्यार्थियों को दाखिला न मिलने से अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार रात सोनीपत में आक्रोशित अभिभावकों ने दाखिला देने से मना करने वाले निजी स्कूल संचालकों के घर गंदगी से भरे मटके फेंके। अभिभावकों ने कहा कि नियम 134ए को लेकर बच्चों का मजाक बनाया जा रहा है।

हालात यह हैं कि अब पुराने स्कूलों ने भी उनके बच्चों का दाखिला लेने से मना कर दिया है। सरकार व प्रशासनिक अधिकारी भी कोई ठोस करवाई नहीं कर रहे। अभिभावकों ने कहा कि बच्चों को जल्द दाखिला नहीं मिला तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने पात्र विद्यार्थियों को दाखिला न देने वाले 20 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। 

नियम 134ए के तहत पहले ड्रा में 2544 विद्यार्थियों को स्कूल अलॉट किए गए थे। चयनित विद्यार्थियों को 24 दिसंबर तक अलॉट स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए थे। बच्चे जब दाखिला लेने निजी स्कूलों में पहुंचे तो अधिकतर निजी स्कूलों ने विद्यार्थियों को दाखिला देने से इनकार कर दिया।

पात्र विद्यार्थियों का निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करने के लिए अंतिम तिथि तीन बार बढ़ाई गई। इस बीच सरकार ने निजी स्कूलों को प्रतिपूर्ति जारी करने के साथ ही प्रति विद्यार्थी फीस में भी 200 रुपये बढ़ोतरी कर दी। इसके बावजूद निजी स्कूल दाखिला देने को तैयार नहीं है।

जिले में  अब तक महज 984 विद्यार्थियों का ही हुआ दाखिला सुनिश्चित हो पाया है। 1293 विद्यार्थी दाखिले के लिए रोजाना अभिभावकों के साथ निजी विद्यालयों व सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। अभिभावकों का कहना है जो समय बच्चों का परीक्षा की तैयारी करने का है, उसमें उन्हें सड़क पर उतरकर धरने-प्रदर्शन में शामिल होना पड़ रहा है। सरकार व प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। 

डीईईओ ने इन स्कूलों को जारी किए नोटिस

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने नियम 134ए के तहत पात्र विद्यार्थियों को दाखिला देने से मना करने पर 20 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। साथ ही मुख्यालय को भी इनकी मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की है। जिन स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें वीएसपीके इंटरनेशनल स्कूल, विवेकानंद पब्लिक स्कूल, ब्राइट स्कॉलर स्कूल, रेड रोज पब्लिक स्कूल, देवड़ू रोड स्थित ऋषिकुल विद्यापीठ, गोहाना रोड स्थित इंडियन मॉडर्न पब्लिक स्कूल, लिटल एंजल्स स्कूल, डीएवी मल्टीपर्पज स्कूल, हैप्पी चाइल्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल, चावला कॉलोनी स्थित श्रीराम मॉडर्न स्कूल, राई स्थित गोल्डन हैरियर स्कूल, डीपीएस खेवड़ा, जीडी गोयनका, गन्नौर स्थित जेपी डीएवी स्कूल, बीआर ग्लोबल स्कूल, ओम पब्लिक स्कूल, गोहाना स्थित ईश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सत्यानंद पब्लिक स्कूल, ग्लोबल पब्लिक स्कूल शामिल हैं। 

कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा छात्र-अभिभावक संघ : प्रवेश कुमारी

छात्र अभिभावक संघ की उपाध्यक्ष प्रवेश कुमारी ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 28 दिन से अभिभावक बच्चों को दाखिला दिलवाने के लिए धक्के खा रहे हैं। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के निर्देशों के बावजूद निजी स्कूल अपनी मनमानी पर अडिग हैं। बच्चों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए अभिभावकों ने मंगलवार रात निजी स्कूल संचालकों के घर गंदगी से भरे मटके फेंके। अभिभावकों व निजी स्कूल संचालकों के बीच टकराव की स्थिति बनती जा रही है। हमारी प्रशासनिक अधिकारियों से मांग है ऐसी स्थिति न बनने दें और पात्र विद्यार्थियों का अलॉट स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि दाखिला देने से इंकार करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए और सभी बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करवाया जाए, अन्यथा छात्र-अभिभावक संघ कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। उनके साथ ओमप्रकाश व अनीता मौजूद रहे। 

मूकदर्शक बनी सरकार

प्रवेश कुमारी ने कहा कि निजी स्कूल हर साल दाखिले के नाम पर, वार्षिक चार्ज, फीस बढ़ोतरी, किताबों, स्कूल पोशाक के नाम पर हर साल लूट मचाते हैं। महज 10 प्रतिशत बच्चों को पढ़ाने में भी उन्हें आपत्ति है। वह भी उस स्थिति में जब सरकार ने उनकी सभी मांगे मान ली हैं और फीस में भी प्रति बच्चा 200 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। फिर भी निजी स्कूल दाखिला नहीं दे रहे। स्कूलों की मनमानी को देखते हुए सरकार भी मूकदर्शक बनी हुई है।

निजी स्कूलों को भिजवाए लीगल नोटिस

नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों के दाखिला देने से इनकार करने पर अभिभावकों ने अधिवक्ता विकास खत्री के माध्यम से निजी स्कूलों को लीगल नोटिस भिजवाए हैं। अधिवक्ता विकास खत्री ने कहा कि नियम 134ए के तहत निर्धारित मापदंड पूरे करने के बाद भी निजी स्कूल विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दे रहे, जो उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों को नोटिस देने हुए दो दिन में दाखिला देने की बात कही गई है। ऐसा न करने पर आगामी कदम उठाए जाएंगे।

निजी स्कूलों को पात्र विद्यार्थियों के दाखिले सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। जिनका कुछ निजी स्कूलों ने पालन नहीं किया। प्रथम चरण में ऐसे 20 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के बाद भी दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा।-बिजेंद्र नरवाल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सोनीपत

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