हरियाणा: पंचायती भूमि पर काबिज लोगों को मिलेगा मालिकाना हक, जल्द होगी पालिसी लागू

चंडीगढ़ : प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पंचायती जमीन पर दशकों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने और लीगल पचड़ों को समाप्त करने की दिशा में सरकार पॉलिसी लाने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है। दशकों से जमीनों पर काबिज व मालिकाना हक मिल जाने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को जहां इन जमीनों का अपने हिसाब से इस्तेमाल करने का हक मिल जाएगा, वहीं सरकार जहां लीगल मामलों के निस्तारण के हक में है, वहीं दूसरी तरफ इससे राज्य सरकार के खजाने को फायदा मिले, इस तरह के विकल्प पर भी पॉलिसी में शामिल करने संबंधी अहम सुझावों को अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है।

खास बात यहां पर यह है कि राज्य में इस तरह की पालिसी लाने के लिए पूर्व सीएम ओपी चौटाला के वक्त में भी जोरशोर से चर्चा उठी थी। चौटाला ने आला अफसरों के साथ में इस पर मंथन करने के साथ लीगल मामलों का निपटारा करने, काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के लिए ठोस पालिसी लाने के लिए कहा था। पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें हैं। इस कारण से बड़ी संख्या में लीगल मामले भी अदालत में लंबित हैं।

वैसे, पंचायती जमीनों पर कब्जे संबंधी मामले सबसे ज्यादा हिसार में हैं। मामले में पूर्व सीएस द्वारा पंचायती जमीन से अवैध कब्जे को साफ कराने की मांग वाली याचिका को लेकर हलफनामा दिया था। जिसमें अदालत को बतााया गया था कि 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2020 तक कुल मिलाकर प्रदेशभर में कब्जे हटाने के लिए 5903 मामले आए थे और इनमें से 5064 मामलों में निस्तारण भी कर दिया गया है। इसके अलावा 31 दिसंबर 2020 तक पंचायती जमीन से कब्जे हटाने के लिए 11082 मामले लंबित हैं। 1305 मामलों में क्रियान्वयन अर्जी दायर हुई और इसमें से भी 867 का निपटारा कर दिया गया। सूबे में 3622 क्रियान्वयन अर्जी विचाराधीन चल रहीं हैं।

एजी ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

वैसे, पंचायती जमीनों पर कब्जे के मामले में हाई कोर्ट में काफी संख्या में मामले लंबित चले आ रहे हैं, जहां पर हरियाणा एजी की ओर से पक्ष रखा गया था। जिसमें पालिसी को लेकर संकेत साफ कर दिए गए हैं और अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है। एजी बलदेवराज महाजन ने भी अदालत में साफ कर दिया है कि मुकदमेबाजी से बचने के लिए नई नीति बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही भविष्य में नए कब्जे होने की सूरत में कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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