मॉनसून सत्र में विपक्ष ने पूछा- ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं-सीएम साफ़ मुकर गए !!

चंडीगढ़ : विधानसभा के मॉनसून सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया। साथ ही ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर जवाब मांगा। कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक ने मौतों पर जिलावार ब्योरा मांगा था। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का ऑक्सीजन लेवल डाउन होने पर वे सदन में नहीं आए।

कांग्रेसी विधायकों के साथ धक्का-मुक्की करती पुलिस। - Dainik Bhaskar

उनकी जगह जवाब देने के लिए सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल खड़े हुए। लेकिन, जब विपक्ष हावी हुआ तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। हालांकि, ऑक्सीजन का संकट जरूर था। हमने केंद्र से 350 एमटी ऑक्सीजन मांगी थी, लेकिन हमें 285 एमटी तक मिली। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि सरकार मौतों के आंकड़े सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि मौतों की असली संख्या जानने के लिए कमेटी का गठन हो।

कांग्रेसी विधायकों के साथ धक्का-मुक्की, विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस दिया

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा तक पैदल मार्च कर पेपर लीक, किसानों पर अत्याचार, बेरोजगारी, महंगाई व अपराध के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधायकों को विधानसभा से पहले ही बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की गई। यही नहीं, पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष और विधायकों के साथ धक्का-मुक्की भी की। इस पर विधायकों ने सदन में विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस दिया।

हुड्‌डा ने कहा कि मेरी जिंदगी में ऐसा कभी नहीं हुआ। मैंने सिक्योरिटी से पूछा कि मुझे पहचानते हो तो उसने हां कहा। मैंने कहा कि मैं यहां खड़ा हूं, एक-एक विधायक को अंदर जाने दें। फिर भी नहीं घुसने दिया गया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में भर्ती पेपर लीक की सीबीआई जांच हो।

सरकार कर्मचारियों को नहीं देगी दोगुना वेतन

विपक्ष ने पूछा कि सरकार क्या कर्मचारियों को दोगुना वेतन देगी। क्योंकि सरकार ने कोविड में ड्यूटी देने वालों को दोगुना वेतन देने की घोषणा की थी। इस पर सीएम ने कहा कि कर्मचारियों ने लिखित में दिया था कि उन्हें दोगुना वेतन नहीं चाहिए। केवल सुविधा दे दीजिए।

पहली लहर में मरने वाले बीपीएल को भी 2-2 लाख

सरकार ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से 11 डॉक्टरों की मौत हुई है। जबकि, आठ हेल्थ वर्कर, 2 आशा वर्कर और 5 अन्य कर्मचारियों की मौत हुई है। कोरोना की पहली लहर में जान गंवाने वाले 1.80 लाख से कम आय वाले बीपीएल परिवारों को भी 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे।

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