Old Age Pension: हरियाणा में अब इन बुजुर्गों को भी मिलेगी बुढ़ापा पेंशन, सीएम मनोहर लाल का ऐलान

Old Age Pension हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन को लेकर सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। राज्य में जिन बुजुर्गों की वार्षिक आय 3.5 लाख रुपये तक है उन्हें भी बुढ़ापा पेंशन मिलेगी। सरकार ने कहा पीपीपी में बुजुर्गों ने जो आय दिखाई उसे ही पेंशन का आधार बनाया गया है।

हरियाणा सरकार ने बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन कटने को लेकर बन रहे संशय को विधानसभा में दूर कर दिया है। प्रदेश में अब उन बुजुर्गों को बुढ़ापा पेंशन नहीं कटेगी, जिनकी सालाना आय तीन लाख 50 हजार रुपये तक है। इससे अधिक आय होने की स्थिति में पेंशन काटी जा सकती है। सरकार ने अभी तक उन्हीं बुजुर्गों की पेंशन रोकी है, जो इस दायरे से अधिक कमाई कर रहे हैं।

अभी तक विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि दो लाख रुपये तक आय वाले बुजुर्गों की पेंशन काटी जा रही है। सरकार ने कहा है कि यह आरोप गलत है। अब प्रदेश सरकार पेंशन प्रदेश के बुजुर्गों को बड़ी राहत देने की कोशिश में है। सरकार विधिवत रूप से पेंशन की पात्रता के लिए सालाना आय का दायरा बढ़ाने जा रही है। लिमिट कितनी बढ़ेगी इसका अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में होगा। वर्तमान में एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक तक कमाने वाले बुजुर्ग लोगों को ही पेंशन का लाभ मिलता है।

हरियाणा सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया कि पेंशन को परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) के साथ लिंक किया गया है। इसलिए परिवार पहचान पत्रों में जो आय दी गई है, उसमें साढ़े तीन लाख रुपये या इससे अधिक आय होने की जानकारी खुद सरकार के पास पहुंच रही है। लोगों की दिक्कत को समझते हुए सरकार ने परिवार पहचान पत्रों में गलतियों को सुधारने का मौका भी दिया है, जिसके बाद जो गलती सुधारी जाएगी, उसे वैरीफाई कराया जाएगा।

कालका के कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने विधानसभा में पेंशन कटने का मुद्दा उठाया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि केवल उन्हीं लाभार्थियों की पेंशन रोकी गई है, जिनकी वार्षिक आय साढ़े तीन लाख रुपये या इससे अधिक है। कमाई का यह आंकड़ा बुजुर्गों ने परिवार पहचान-पत्र पर रजिस्ट्रेशन करते समय खुद सरकार को उपलब्ध करवाया है।

प्रदीप चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार ने दो लाख से अधिक आय वाले बुजुर्गों की पेंशन बंद कर दी है। समाज कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि अब पीपीपी में संशोधन का सरकार ने विकल्प दिया है। अगर किसी बुजुर्ग को यह लगता है कि रिकार्ड में उसकी आय अधिक दिखाई गई है तो वे दस्तोवजों के साथ इसमें बदलाव भी कर सकते हैं।

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