छठ पर्व पर गांव जाने वालों को नहीं मिल रही रेल में जगह, वेटिंग के लिए भी जद्दोजहद

बहादुरगढ़ : प्रवासियों के बीच छठ पर घर जाने के लिए ट्रेन में सीट की मारामारी है। सीट तो दूर लोगों को वेटिंग टिकट तक नहीं मिल पा रही है। हालात यह है कि कई गाडि़यों में स्टेटस नोरूम है। ऐसे में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। विदित है कि चार दिवसीय सूर्य उपासना और आरोग्य सौभाग्य व सर्व सुख प्रदाता छठ व्रत आठ नवंबर से 11 नवंबर तक मनाया जाएगा।

औद्योगिक नगरी होने के कारण बहादुरगढ़ में बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी काम करते हैं। इनमें अधिकतर उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा सहित पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के लोग हैं। दीपावली के बाद पूर्वोत्तर भारत का दूसरा बड़ा त्योहार छठ पर्व आता है। छठ पर प्रवासियों में घर जाने की भारी होड़ रहती है। यात्रियों की संख्या के अनुरूप गाडि़यां न होने के कारण किसी भी ट्रेन में सीट नहीं मिल पा रही हैं।

सभी गाडि़यों में लंबी वेटिंग चल रही है। हालांकि इस बार रेलवे की ओर से त्योहार पर भी ज्यादा अतिरिक्त गाडि़यां चलाई ही नहीं गई। सीट के लिए लोग अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं और शुरू से आखिरी स्टेशन तक की टिकट बनवाने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन सीट नहीं मिल पा रही है।

ऐसे में त्योहारों पर घर जाने वाले लोगों को भारी निराश हो रही है। मुकेश कुमार, चंद्रशेखर, चंदन व ज्योति ने बताया कि नियमित ट्रेनें पहले से ही फुल हैं। अधिकतर ट्रेनों में नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) है। स्पेशल ट्रेनों के टिकट बुकिंग शुरू होते ही मिनटों में बिक जा रहे। सफर और मुश्किल होता जा रहा है।

चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व आठ नवंबर सोमवार से प्रारंभ होकर 11 नवंबर गुरुवार तक चलेगा। रविवार 7 नवंबर को शाम 4:23 से आठ नवंबर सोमवार को दिन में 1:17 तक चतुर्थी रहेगी। पंचमी तिथि आठ नवंबर सोमवार को दिन में 1:17 से मंगलवार को दिन में 10:36 तक रहेगी। षष्ठी तिथि 9 नवंबर मंगलवार को दिन में 10:36 से 10 नवंबर बुधवार को प्रात: 8:26 तक रहेगी।

बुधवार को व्रत के तृतीय संयम के अंतर्गत सायं काल अस्ताचल सूर्य देव को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा। सप्तमी तिथि बुधवार को 8:26 से 11 नवंबर को सुबह 6:50 तक रहेगी। वीरवार को प्रात: काल में उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ व्रत का पारण किया जाएगा।

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