Mausam Ki Jankari : हरियाणा के कई जिलों में बारिश, जानिये आगे कैसा रहेगा माैसम

नारनौल : Mausam Ki Jankari पूर्वानुमान के अनुसार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, एनसीआर दिल्ली के इलाकों में मौसम ने करवट ले ली है। रविवार को सुबह से ही पूरे इलाके पर बादलों ने डेरा जमा लिया था। दोपहर से पहले सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, जींद, भिवानी तथा दोपहर बाद सोनीपत, पानीपत, रोहतक, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और शाम के बाद एनसीआर दिल्ली, गुड़गांव आदि सभी जगह पर हल्की बारिश हुई है। यह गतिविधियां वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय प्रणाली से अगले दो-तीन दिन तक बिखराव के रूप में जारी रहने की संभावनाएं हैं।

वहीं दूसरी ओर पर्वतीय प्रदेशों पर भारी मात्रा में हिमपात हुआ है। इसके अलावा प्रदेश व पंजाब के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। जबकि जिले में सतनाली, महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना व नारनौल हल्की बारिश हुई। शीतलहर के बाद लगातार तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही थी, यह बढ़ोतरी अभी जारी रहेगी। रविवार को नारनौल का न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अब हल्की बरसात के बाद सोमवार को सुबह इलाके पर कोहरा छाया रहने की संभावनाएं बन रही है।

इस बारे में राजकीय महाविद्यालय के पर्यावरण क्लब नोडल अधिकारी डा. चंद्रमोहन ने बताया कि उत्तरी पर्वतीय इलाकों से लगातार एक के बाद एक सक्रिय मौसम प्रणाली वैस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव जारी है। आज हुई हल्की बरसात फसलों के लिए सोना साबित होगी। उन्होंने कहा कि पुरानी कहावत है माह पौह को झारों चाहे फागून बरसो सारो यानि दिसंबर व जनवरी में हल्की बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होती है और सोना उगलती है।

उन्होंने बताया कि 30 दिसंबर से आसमान साफ हो जाएगा और पवनों की दिशा उत्तरी हो जाएगी। जिसकी वजह से मैदानी राज्यों में न्यूनतम व अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी और नमी बढ़ने की वजह से कोहरा की मात्रा में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में नये वर्ष का आगाज कड़ाके की ठंड से होगा और मैदानी राज्यों को एक नई शीत लहर का सामना करना पड़ सकता है।

बूंदाबांदी से किसानों की बांछे खिली

हालांकि रात को आंशिक रूप से बादलवाई थी। बावजूद इसके रविवार को दिन का आगाज आकाश में छाए हल्की धुंध के साथ हुआ। दिन चढने के साथ धुंध छटने लगी। आकाश में बादल भी दिखाई देने लगे। हवा की गति कम होने तथा तापमान में गिरावट होने के चलते ठंड से कंपकपी छुटती रही। बीच बीच में सूर्य जरूर बादलों के बीच से झांका, लेकिन ठंड से राहत नही मिली। दोपहर बाद बूंदाबांदी शुरु हो गई और हवा की गति भी कुछ तेज हो गई। बूंदाबांदी को फसलों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। अगर बारिश होती है तो फसलों के लिए और ज्यादा फायदेमंद होगी।

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