रोहतक : रक्षाबंधन हर साल सावन पूर्णिमा को मनता है। इस वर्ष सावन की पूर्णिमा 22 अगस्त को है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं। बदले में भाई बहनों को उपहार देते हैं और उसकी रक्षा का वचन देते हैं।

शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने की परंपरा है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर नहीं रहेगी। इसलिए, इस बार रक्षाबंधन का संयोग शुभ और सौभाग्यशाली है। चंद्रमा अपने पूर्ण रूप और श्रवण नक्षत्र में रहेगा। इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से मन स्थिर रहता है और मानसिक शांति मिलती है।
ये है शुभ मुहूर्त राखी बांधने का
अब की बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त प्रातः 7:02 से 12:13 और 1:25 से 2:58 बजे तक है। निर्धारित अवधि में राखी बांधने से इस पावन त्यौहार का उद्देश्य सम्पूर्ण माना जाता है। अतः सलाह दी जाती है की उक्त समय के अनुसार ही बहनें अपने भाइयों को राखी बांधें ताकि रक्षाबंधन के इस त्यौहार का वास्तविक उद्देश्य प्राप्र्त किया जा सके।