Kisan Andolan: हरियाणा सरकार की बढ़ी परेशानियां, संयुक्त किसान मोर्चा ने रखीं 2 नई मांगें

नई दिल्ली/सोनीपत : Kisan Andolan : नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने बावजूद किसान आंदोलन (peasant movement) खत्म हुआ है और जल्द खत्म होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। सिंघु बार्डर (singhu border) पर किसान संगठनों ने आंदोलन समाप्त करने की एवज में हरियाणा सरकार (Haryana Government) के समक्ष दो शर्तें रख दी हैं।

किसान संगठनों (Farmer’s Organizations) का अब यह कहना है कि एमएसपी (msp) पर कानून समेत उनकी 8 मांगें जब तक पूरी नहीं की जाती हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के हरियाणा पदाधिकारियों (Haryana office bearers) का कहना है कि एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) पर लाग-लपेट मंजूर नहीं होगी। सरकार को यह घोषणा करनी होगी जो कमेटी बनाई जा रही है वह हर हाल में एमएसपी गारंटी कानून बनाएगी।

इसके साथ ही मोर्चा ने पहले की मांगों में दो नई मांगें भी शामिल की हैं। हरियाणा किसान मोर्चा के तहत 26 संगठनों की बैठक का नेतृत्व मनदीप सिंह नाथवान (Mandeep Singh Nathwan) ने की। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि हरियाणा में आंदोलनकारियों (agitators) पर दर्ज मुकदमों को फिलहाल वापस नहीं लिया गया है, जबकि पंजाब में यह घोषणा कर दी गई है। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि भूमि अधिग्रहण बिल-2013 (Land Acquisition Bill-2013) को और संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून वापस लेने की मांग है। दोनों मांगें यहां के किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

बैठक में नहीं पहुंचे गुरनाम सिंह चढ़ूनी

हरियाणा किसान मोर्चा की बैठक में एक बार फिर से भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी नहीं पहुंचे। इससे पहले चढ़ूनी हरियाणा किसान मोर्चा को नकली करार दे चुके हैं। इस पर मोर्चा के नेताओं ने सवाल को टालते हुए कहा कि यह उनका अपना मत है। चुनाव लड़ने के मुद्दे पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि कोई भी साथी चुनाव लड़ सकता है, लेकिन मोर्चा चुनाव नहीं लड़ रहा।

मुकदमे वापस होने तक आंदोलन से नहीं हटेगी आंतिल खाप

कुंडली बार्डर पर आंदोलन के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा के साथ धरना दे रही आंतिल खाप सर्वजातीय ने भी बुधवार को बैठक की। बैठक में खाप के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लेगी तब तक वे आंदोलन नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर आंतिल खाप सर्वजातीय के धरने पर विभिन्न क्षेत्रों से आए जनसमूह ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि अब वे घर वापसी तभी करेंगे जब प्रमुख मांगों पर सरकार सहमति प्रदान करेगी।

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