हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर पर गिरी गाज, विजिलेंस ने किया सस्पेंड, क्या है मामला ? देखें

नारनौल : भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नसीबपुर जेल के डीएसपी कुलदीप सिंह हुड्डा एवं जेल सुपरींटेंडेंट अनिल जांगड़ा की गिरफ्तारी एक पखवाड़ा बीतने पर भी नहीं हो पाई है, जबकि स्टेट विजिलेंस गुरुग्राम ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर वारंट जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, इन दोनों जेल अधिकारियों के घरों के साथ-साथ नसीबपुर व रेवाड़ी जेल में नोटिस लगाकर आगामी तफ्तीश में शामिल होने के लिए कहा गया है। यदि यह स्वत: जांच में शामिल होकर सहयोग नहीं करते हैं तो विजिलेंस इन्हें गिरफ्तार कर लेगी।

गत 9 दिसंबर को जिला जेल नसीबपुर में कुख्यात गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला की गैंग के सदस्य संदीप उर्फ सिंधिया को जेल में सुविधाएं देने की एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत समेत जेल वार्डर राजन एवं गजेसिंह को विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया था।

रिश्वत के इसी मामले में नसीबपुर जेल के डीएसपी कुलदीप सिंह तथा इस जेल का बतौर अतिरिक्त कार्यभार देख रहे रेवाड़ी जेल के सुपरींटेंडेंट अनिल जांगड़ा का नाम भी विजिलेंस जांच में उजागर हुआ था। तब डीएसपी हुड्डा पारिवारिक कारणों से अवकाश पर थे तथा उन्हें दस दिन की छुट्टी पूरी होने उपरांत 14 दिसंबर को ज्वाइन करना था, लेकिन उन्होंने एक सप्ताह की मेडिकल लिव दे दी। इसके बाद से ही वह भूमिगत बने हुए हैं।

दूसरी ओर जेल सुपरींटेंडेंट अनिल जांगड़ा के घर पर 15 दिसंबर को विजिलेंस टीम ने सवेरे रेड मारी थी, लेकिन वह अपने ठिकाने पर नहीं मिले थे। तब से ही विजिलेंस इन दोनों जल अधिकारियों की खोजबीन में खाक छान रही है, लेकिन यह दोनों ही विजिलेंस के हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं। इन हालातों में विजिलेंस ने इन दोनों के घरों पर उक्त रिश्वत कांड मामले की जांच में शामिल होने के लिए नोटिस चस्पाए गए हैं।

इसके साथ ही नसीबपुर जेल एवं रेवाड़ी जेल में भी इसी तरह के नोटिस चस्पाए गए हैं और वहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी हाजिर होने पर जांच में शामिल कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हुए हैं। मगर उक्त रिश्वत कांड को एक पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन यह विजिलेंस की पकड़ से बाहर बने हुए हैं।

विजिलेंस टीम इंचार्ज सस्पेंड

रेवाड़ी जेल अधीक्षक की गिरफ्तारी यानि 15 दिसंबर की रेड में चूक होने पर विजिलेंस टीम इंचार्ज एवं जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। वह नूहं में तैनात थे और उन्हें इस रिश्वत कांड का पर्दाफाश करने के लिए चुना गया था, लेकिन रेवाड़ी जेल सुपरिटेंडेंट के यहां रेड की जानकारी लीक हो गई।

इतना ही नहीं, सर्च वारंट लेने में भी उनसे चूक हुई, जबकि जेल सुपरिटेंडेंट उस रात अपने आवास पर होने के बावजूद वहां से रफूचक्कर होने में कामयाब हो गए। इस जांच का दायित्व अब विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा को दिया गया है। विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने कहा कि जेल डीएसपी एवं जेल सुपरिटेंडेंट को आगामी जांच में शामिल कराने के लिए उनके घरों एवं जेल में नए नोटिस लगा दिए गए हैं। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी ले लिए गए हैं। मामले की जांच जारी है।

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