हिसार: गाड़ियों की वाशिंग करके गुजारा करने को मजबूर नेशनल फुटबालर

हिसार : हरियाणा के हिसार के कैमरी के रहने वाले नेशनल फुटबालर खिलाड़ी पर खुद का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी आई तो उसने प्रैक्टिस के साथ-साथ गाड़ियों की वाशिंग करनी शुरू कर दी। इस खर्चें से वह एकेडमी का खर्चा उठा रहा है। पवन कैमरी का रहने वाला है, लेकिन वह चंडीगढ़ फुटबाल एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहा है। वह अपने गांव कैमरी में चल रही फुटबाल प्रतियोगिता में दमखम दिखाने पहुंचा है। इस प्रतियोगिता में पवन न केवल शानदार प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि गोल भी कर रहा है।
नेशनल खिलाड़ी पवन ने बातचीत में बताया कि वह चंडीगढ़ एकेडमी में फुटबाल का प्रशिक्षण ले रहा है और सुबह गाड़ियों की वाशिंग करता है। इस काम के लिए उसे चार से पांच हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। जिससे वह अपना खर्चा चलाता है। वहीं शाम को मैदान में किक का दम दिखाने निकल जाता है।
पवन का कहना है कि उसके पिता भरत सिंह की मौत करीब 14 साल पहले हो गई थी, उस समय वह दो-ढाई साल का ही था। मगर अब खर्चा उठाने के लिए पांच साल से प्रैक्टिस के साथ गाड़ियों की वाशिंग भी कर रहा हूं। पवन का कहना है कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है। ऐसे में मजबूरन होकर खेलने की उम्र में काम भी करना पड़ा रहा है।
कैमरी से शुरू किया था फुटबाल खेलना
पवन ने फुटबाल की शुरुआत गांव कैमरी से ही की थी। उस समय वह कोच कुलदीप माक्कड़ के पास प्रशिक्षण ले रहा था। मगर पिछले पांच साल से वह चंडीगढ़ फुटबाल एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहा हैं। फुटबाल कोच कुलदीप माक्कड़ ने बताया कि पवन बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। वह कैमरी में चल रही प्रतियोगिता में भी अच्छा खेल रहा है।
प्रतियोगिता खेलने के बाद वापस जाएगा चंडीगढ़
पवन का कहना है कि इस प्रतियोगिता को खेलने के लिए स्पेशल चंडीगढ़ से हिसार आया है। प्रतियोगिता खत्म होने के बाद वह वापस चंडीगढ़ एकेडमी में जाएगा और प्रैक्टिस के साथ-साथ काम करेगा, ताकि खर्चा उठाने में कोई दिक्कत न हो।
- 2016 में अंडर-14 स्कूली नेशनल में रजत पदक
- 2017 में अंडर-14 स्कूली नेशनल में स्वर्ण पदक
- दो बार सुब्रतो कप में रजत पदक