पत्नियों से परेशान पतियों के हित में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला-पति के खिलाफ बार-बार झूठी शिकायत देना क्रूरता

चंडीगढ़ : पति को परेशान करने के लिए बार-बार पत्नी द्वारा झूठी शिकायत (false complaint) देना निश्चित तौर पर पति के प्रति क्रूरता है। यदि शिकायतें झूठी पाई जाती हैं तो यह पति के लिए तलाक (Divorce) मांगने का ठोस आधार (Base) है। हाईकोर्ट ने यह फैसला रोहतक की फैमिली कोर्ट (court) द्वारा दिए गए तलाक के आदेश को सही मानते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका (petition) को खारिज करते हुए दिया है।

याची और उसके पति का विवाह 2012 में रोहतक में हुआ था। विवाह (Marriage) के बाद से ही घर में झगड़े का माहौल रहने लगा। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी का बर्ताव उसके तथा उसके परिवार (Family) के प्रति ठीक नहीं था। दोनों गांव में रहते थे और धीरे-धीरे पत्नी ने यह प्रयास आरंभ कर दिया कि परिवार से अलग होकर शहर में रहने की व्यवस्था (Arrangement) की जाए।
जब परिवार इस बात पर सहमत नहीं हुआ तो पूरे परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। इसके बाद याची के ससुराल (In law’s house) वालों ने घर बसाने के लिए रोहतक में किराए के मकान (House) की व्यवस्था कर दी।
पत्नी के परिवार वालों के दखल ने दोनों का जीवन नर्क बना दिया और पति ने जब इसका विरोध किया तो पत्नी और क्रूर (Ruthless) हो गई। इसके बाद आपराधिक शिकायतों (criminal complaints) का दौर शुरू हुआ और एक के बाद एक पति के खिलाफ शिकायतें दी गईं। पुलिस ने सभी मामलों में जांच की और शिकायत को केस दाखिल करने के लिए भी उपयुक्त (Suitable) नहीं माना।
हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि पत्नी ने शादी के तुरंत बाद परिवार से अलग रहने का दबाव बनाने के लिए झूठी शिकायतों (false complaints) का सहारा लिया। लड़ाकू प्रवृत्ति और पति व ससुराल वालों के प्रति इस प्रकार का रवैया निश्चित रूप से क्रूरता की श्रेणी में आता है और यह तलाक (Divorce) का आधार (Base) हो सकता है। ऐसे में रोहतक की फैमिली कोर्ट (family court) का तलाक का फैसला सही है और उसमें परिवर्तन (Change) की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने तलाक के खिलाफ दाखिल पत्नी की याचिका (petition) को सिरे से खारिज कर दिया।