स्टूडेंट्स को high court ने दी राहत: फीस के कारण परीक्षा से वंचित रखने वाले स्कूलों पर सरकार को कार्यवाही करने के दिए आदेश

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ( Punjab and Haryana High Court ) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार ( Haryana Government ) को आदेश दिया है कि फीस न देने वालों छात्रों (students) को परीक्षा में न बैठने देने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें।

हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर मित्तल (high court justice sudhir mittal) ने यह आदेश स्टूडेंट पेरेंट्स वेलफेयर ग्रुप कैथल (Student Parents Welfare Group Kaithal) की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकर्ता (petitioner) की तरफ से दलील दी गई थी उसने निजी स्कूलों (private schools) द्वारा टयूश्न व अन्य फीस (tuition and other fees) बढ़ाने को हाई कोर्ट (high court) में चुनौती दी हुई है।

उनके मामले की सुनवाई अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है जिस पर 16 दिसम्बर को सुनवाई तय है। इस बीच प्रतवादी स्कूल ने गृह परीक्षा के लिए डेट शीट (date sheet) जारी कर दी है लेकिन जिन बच्चों की फीस जमा नहीं करवाई उनको परीक्षा में नहीं बैठने नहीं दिया जा रहा।

हाई कोर्ट को बताया गया कि कई स्तर पर यह आदेश् जारी हो चुके है कि अगर कोई विधार्थी फीस नहीं जमा करवा पाता है तो उसे परीक्षा से नहीं रोका जा सकता। लेकिन स्कूल इन आदेश की पालना (obedience to order) नहीं कर रहे। याची पक्ष ने इस मामले में हाई कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। याची पक्ष की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश् दिया कि वो इस मामले में लगाए आरोपों की जांच करे वे अगर आरोप सहीं है तो स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।

 

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