लाइफस्टाइल

स्वास्थ्य विभाग बना रहा Health Id, दर्ज होगा सेहत का रिकार्ड, क्या है फायदा? कैसे बनेगा? देखें प्रोसेस

यमुनानगर : इलाज की पर्ची को संभाल कर रखने के झंझट से लोगों को निजात मिलने वाली है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों की हेल्थ आइडी (Health Id) बनाई जा रही है। यह हेल्थ आइडी पूरे देश में किसी भी निजी व सरकारी अस्पतालों में प्रयोग में लाई जा सकेगी। जिसमें मरीज के इलाज का पूरा रिकार्ड आनलाइन फीड होगा।

यमुनानगर में 21 हजार से अधिक लोगों की हेल्थ आइडी बनाने का कार्य किया जा चुका है। जिसमें रादौर सबसे आगे है। रादौर क्षेत्र में करीब साढ़े पांच हजार लोग हेल्थ आइडी बनवा चुके है। जबकि छछरौली इस कार्य फिलहाल कतार में सबसे पीछे है। यहां अभी एक हजार का आकंड़ा भी पार नहीं हुआ है। हेल्थ आइडी बनवाने के लिए लोग स्वास्थ्य विभाग या फिर सीएससी सेंटरों पर जा सकते है।

क्या है योजना

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रादौर के एसएमओ डा. विजय परमार ने बताया कि मरीजों को इलाज की पर्ची की संभाल से मुक्ति दिलाने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। जिसके तहत लोगों की हेल्थ आइडी बनाई जा रही है, जो कि व्यक्ति के आधार कार्ड से लिंक होगी। इस आइडी में व्यक्ति पूरे देश में कहीं पर भी कोई भी इलाज करवाता है उसका पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। इतना ही नहीं उसने कौन-कौन सी दवाई ली है या फिर किसी दवाई का व्यक्ति के शरीर पर विपरीत असर पड़ता है उसका ब्यौरा भी इसमें दर्ज होता जाएगा। व्यक्ति बीमारी के समय कहीं पर भी इलाज करवाने जाएगा तो उसे अपने साथ पुरानी पर्ची या फिर दवाइयों को ब्यौरा ले जाने की जरूरत नहीं होगी। बस इस आइडी से उसका पूरा ब्यौरा डाक्टर देख पाएंगे।

कहां कितनी बनी हेल्थ आइडी

जिले में अब तक 21012 हेल्थ आइडी जरनेट हो चुकी है। जिसमें रादौर सीएचसी से जुड़े क्षेत्र के 5473 लोग हेल्थ आइडी बनवा चुके हैं। जबकि छछरौली इस कार्य में सबसे पीछे हैं। जहां केवल 797 हेल्थ आइडी की बन पाई है। सरस्वती नगर में 1804, नाहरपुर में 2563, बिलासपुर में 2471, प्रतापनगर में 1400, सढौरा में 1237, यमुनानगर में 3744 व जगाधरी में 1523 आइडी जरनेट हुई है।

सीएससी सेंटर पर भी बनवा सकते है हेल्थ आइडी

विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ आइडी बनाने का कार्य किया जा रहा है, अगर कोई व्यक्ति वहां नहीं जा सकता तो किसी भी सीएससी सेंटर पर जाकर अपनी आइडी बनवा सकता है। इसके लिए उसे अपना आधार कार्ड साथ लेकर जाना होगा। जिससे उसका मोबाइल नंबर लिंक हो। वहां केवल पांच मिनट में यह कार्य करवाया जा सकता है।

बुर्जुगों को मिलेगा अधिक लाभ

एसएमओ डा. विजय परमार ने बताया कि वैसे तो यह योजना हर किसी के लिए लाभकारी है लेकिन बुजुर्ग मरीज को इसका ज्यादा लाभ होगा। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि बुजुर्ग अपने इलाज की पर्ची संभाल कर रखने में असमर्थ होते हैं। जब वह किसी डाक्टर के पास जाते हैं तो उनके पास अपने पुराने इलाज का कोई रिकार्ड नहीं होता। जिस कारण वह डाक्टर को यह भी बताने में असमर्थ रहते हैं कि उन्हें कौन सा ट्रीटमेंट दिया जा चुका है। तब डाक्टर को भी इलाज करने में समस्या आती है। लेकिन इस आईडी के बनने से यह समस्या दूर हो सकेगी।

Related Articles

Back to top button
निधन से पहले आखिरी रात को कहां थीं आकांक्षा? मेकअप आर्टिस्ट ने किया खुलासा भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की आखिरी पोस्ट, वीडियो में मिले संकेत What is the use of Bard AI in Google? Google Launches BARD AI Chatbot To Compete With ChatGPT Liverpool obliterate shambolic Man Utd by record margin How Liverpool dismantled Manchester United 7-0 Jon Jones returns to win UFC heavyweight title in 1st round Kelsea Ballerini Takes ‘SNL’ Stage for the First Time Kelsea Ballerini shines on ‘SNL’ stage Matt Hancock plotted to oust the chief executive of NHS England