राज्य किसान आयोग हुआ भंग: विलय हुआ हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण में
हिसार : हरियाणा सरकार ने राज्य किसान आयोग को भंग कर दिया है। साथ ही हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण में इसका विलय भी कर दिया है। राज्यपाल द्वारा प्रदेश सरकार के इस फैसले को मंजूरी दिए जाने के बाद कृषि विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। राज्य किसान आयोग का गठन हुड्डा सरकार के कार्यकाल में किया गया था।

दो कृषि विशेषज्ञों सहित इसमें कुल 10 सदस्य होते थे। हरियाणा सरकार ने तर्क दिया है कि किसान आयोग और अथॉरिटी की वर्किंग में कोई अंतर नहीं है। दोनों का ही काम किसानों के कल्याण के लिए नई योजनाएं बनाना, खेती की नई तकनीक को बढ़ावा देना और परंपरागत की बजाय खेती में नए प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करना है। ऐसे में आयोग का कोई औचित्य नहीं है।
तत्कालीन हुड्डा सरकार ने 15 जुलाई 2010 को हरियाणा राज्य किसान आयोग का गठन किया था। मनोहर सरकार ने 9 अक्टूबर, 2018 को हरियाणा किसान आयोग का नाम बदल कर हरियाणा किसान एवं कृषि लागत एवं मूल्य आयोग कर दिया। सरकार ने 6 जुलाई, 2018 को हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का भी गठन कर दिया था।
सीएम खट्टर ने मार्च में हुई बैठक के दौरान किसान आयोग को खत्म करने का सुझाव दिया था। इसके बाद विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा। सीएमओ की मुहर के बाद इस पर कानूनी राय ली गई। कानूनी राय आने के बाद अब कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने किसान आयोग को खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।