हरियाणा में अब थाने होंगे सीसीटीवी की नज़र में, चंडीगढ़ ने मांगी 5 महीने की मोहल्लत

चंडीगढ़ : सीसीटीवी कैमरों के मामले में लिए संज्ञान पर सुनवाई के दौरान हरियाणा, पंजाब व यूटी प्रशासन ने पुलिस पोस्ट से लेकर थानों व चौकियों के हर कोने में सीसीटीवी कैमरा लगाने की अवधि बताई। हरियाणा ने इसके लिए एक अप्रैल, पंजाब ने 10 मई तक की मोहलत मांगी। यूटी प्रशासन ने कहा कि कैमरे मौजूद हैं लेकिन अपग्रेड करने के लिए 5 माह की मोहलत चाहिए।

कुख्यात गैंगस्टर कौशल ने सीनियर एडवोकेट बिपिन घई के माध्यम से याचिका दाखिल कर बताया था कि उसके खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज हैं। सिर्फ हरियाणा में उसके खिलाफ 38 आपराधिक मामले दर्ज हैं। याची ने कहा कि वह इस समय संगरूर की जेल में बंद है और उसे आशंका है कि अन्य मामलों में पूछताछ के लिए लेकर जाते वक्त उसका एनकाउंटर किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर सभी पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरों को लेकर तथा जांच के दौरान वीडियोग्राफी पर जवाब मांगा था। हरियाणा सरकार ने कहा था कि प्रवेश व निकास पर सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं लेकिन सीआरपीसी में जांच की वीडियोग्राफी का कोई प्रावधान नहीं है।

तीनों डीजीपी को लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डीजीपी को फटकार लगाते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि प्रवेश, निकास, लॉकअप, बरामदा, रिसेप्शन, ऑफिसर का कमरा सभी सीसीटीवी की निगरानी में होने चाहिए। साथ ही सीसीटीवी में ऑडियो का ऑप्शन और इसका रिकार्ड कम से कम 18 माह तक रखना चाहिए। राज्य सरकार को पॉवर बैकअप की व्यवस्था करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जब आदेश दिया है तो राज्य इसका पालन करने के लिए बाध्य हैं। याची के प्रति क्रूर बर्ताव पर हाईकोर्ट ने कहा था कि चाहे कितना ही बुरा अपराधी क्यों न हो अदालते उससे अमानवीय व्यवहार के प्रति आंखे नहीं मूंद सकती। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति अगली सुनवाई पर सौंपने का आदेश दिया है। 

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