हरियाणा में अब इन कर्मचारियों की छंटनी के लिए बनेगी नीति, राज्यपाल की मिली मंजूरी

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों की छंटनी के लिए नीति बनाने जा रही है। जल्द नीति का प्रारूप बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद इसका क्रियान्वयन शुरू होगा। इस काम के लिए सरकार ने मानव संसाधन विभाग बनाया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मंजूरी के बाद यह बीते सप्ताह अस्तित्व में आ गया था। सरकार ने कर्मचारियों से जुड़े अनेक कार्य इस नए विभाग को सौंपे हैं। राज्यपाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव विजय वर्धन ने इसकी अधिसूचना 3 नवंबर को जारी कर दी है।

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विभागों का पुनर्गठन भी करेगा नया विभाग

तबादला नीति, सेवा नियम बनाने के अलावा यह समय-समय पर अन्य विभागों का पुनर्गठन भी करेगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए नई नीतियां बनाने में भी इस विभाग की भूमिका रहेगी। अधिसूचना के अनुसार हरियाणा सरकार कार्य आवंटन नियम, 1974 को संशोधित करते हुए इस विभाग का गठन किया गया है। नया विभाग सभी सरकारी पदों की सेवा शर्तों का विनियमन करेगा। मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली पर सभी सरकारी कर्मियों का डाटाबेस बनाना भी इसका काम होगा।

कर्मियों से जुड़े मामले देखेगा विभाग
हरियाणा लोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग से जुड़े सभी मामले इसके अधीन होंगे। सामान्य पात्रता परीक्षा की नीति बनाने का कार्य भी यही विभाग करेगा।

सरकार ने प्रशिक्षण नीतियां, राज्य स्तरीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण व प्रशिक्षण संस्थाएं, अस्थायी व संविदात्मक सेवाओं के संबंध में नीति बनाने का काम भी इसी विभाग को सौंप दिया है। ऑनलाइन स्थानांतरण नीतियों में बदलाव, निगरानी व क्रियान्वयन इसी महकमे के अधीन होगा। अनुग्रह पूर्वक नीति, सेवा नियम बनाने का काम भी मानव संसाधन विभाग करेगा।

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