सरकारी घोषणायें

हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिए गए ताबड़तोड़ फैसले, जानें क्या पड़ेगा आप पर असर

चंडीगढ़ : Cabinet Meeting : हरियाणा कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीएम ने खुद पत्रकारों को मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त से बुलाने का फैसला किया गया।

Cabinet Meeting

कैबिनेट में इन फैसलों पर लगी मोहर

  • हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में 42 एजेंडे थे, जिनमें से 5 को डेफर किया गया, जबकि 37 को मंजूर किया है।किसानों को आपसी जमीन में अदला-बदली करने में स्टाम्प ड्यूटी में राहत दे दी गई है।
  • सरकार ने कैबिनेट में लैंड बैंक बनाने की मंजूरी दी है।
  • टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी में एमेंडमेंट करके कैबिनेट की मंजूरी दी है।
  • नियमित टीचर्स को पहला विकल्प मिलेगा। बाद में गेस्ट टीचर्स को ऑप्शन रहेगा।
  • निशक्त टीचर्स के लिए जो नियम थे उनको बदला गया है।
  • दिव्यांग (आंख से नहीं देखने वाले) के लिए भी नियम बदले हैं।हरियाणा सिविल सेवाएं (सामान्य) नियम, 2016 के नियम-143 और हरियाणा सरकार के कार्य नियमावली, 1977 में संलग्न अनुसूची-। की क्रम संख्या 17 के तहत विचारार्थ एवं घटनोत्तर स्वीकृति के प्रावधानों के अनुसार इन चारों विभागों के 30 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सेवा विस्तार प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।

    कृषि (जोत) भूमि के आदान-प्रदान पर स्टांप शुल्क में छूट

  • इस पॉलिसी में टीचर्स के साथ साथ क्लर्क और चपरासी भी शामिल रहेंगे।
  • रेंटल पॉलिसी को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
  • हरियाणा में करीब पौने तीन लाख सरकारी कर्मचारी हैं। इसके अलावा अनुबंध पर भी कर्मचारी हैं, इसलिए कर्मचारियों को लेकर नया विभाग बनाने का फैसला किया है। विभाग का नाम ह्यूमन रिसोर्स रहेगा ये कर्मचारियों के लिए बनेगा।
  • परिवार पहचान पत्र योजना के तहत 1 लाख 80 हजार से कम आय वाले परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि या अन्य लाभ से उनको जीवन बीमा का लाभ मिलेगा।
  • हिसार के एयरपोर्ट को महाराज अग्रेसन के नाम पर किए जाने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
  • हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाने का फैसला किया है। इसके माध्यम से कांट्रेक्ट पर भर्ती होगी।

चार विभागों के कर्मचारियों को एक मास के सेवा विस्तार की घटनोत्तर स्वीकृति
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आकस्मिक स्थिति को मद्देनजर रखते हुए चार विभागों के 30 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक मास की अवधि के लिए सेवा विस्तार देने से संबंधित एक प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।

चार विभागों नामत: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग (डीआरओ, तहसीलदार या उससे नीचे के पद के लिए), राज्य मेडिकल कॉलेज एवं राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय सहित चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और विकास एवं पंचायत विभाग (डीडीपीओ एवं बीडीपीओ के रैंक के लिए) के कर्मचारियों ने महामारी कोविड-19 के दौरान चिकित्सा सुविधाएं एवं आवश्यक वस्तुएं व उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में दिन-रात काम किया। अत: सेवा में विस्तार देने का यह निर्णय जनहित में लिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में कृषि योग्य भूमि के आदान-प्रदान के संबंध में लेन-देन में किसानों पर पडऩे वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए स्टांप शुल्क में छूट प्रदान करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने पंजाब समझौता नियमावली के पैरा 259 में उपबंधित कृषि योग्य भूमि जिसमें बैरानी, सैलाबी, अबी, नहरी और चाही भूमि शामिल है, के आदान-प्रदान के संबंध में भारतीय स्टाम्प अधिनियम,1899 की अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 31 के तहत पंजीकरण की प्रति डीड पर 5000 रुपये की दर से मामूली शुल्क वसूल किये जाने को इस शर्त पर स्वीकृति प्रदान की गई कि कृषि भूमि का आदान-प्रदान उसी राजस्व संपदा में होना चाहिए।

हरियाणा राजस्व (ग्रुप बी) सेवा नियमों में संशोधन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राजस्व (ग्रुप बी) सेवा नियम 1988 व हरियाणा राजस्व (समूह बी) सेवा (संशोधन) नियम, 2007 और 2012 में संशोधन के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इन नियमों को हरियाणा राजस्व (ग्रुप बी) सेवा (संशोधन) नियम 2021 कहा जा सकता है।

राज्य सरकार ने वर्ष 2018 के दौरान हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) और संबद्ध सेवा परीक्षा में प्रत्यक्ष कोटे के नायब तहसीलदार के पद को शामिल किया है, इसलिए उक्त संशोधन किया गया है।

संशोधन के अनुसार सीधी भर्ती नियमावली में अब नायब तहसीलदार के पदों पर 50 प्रतिशत भर्ती आयोग द्वारा हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) एवं संबद्ध सेवा परीक्षा के आधार पर की जायेगी।

इसी प्रकार, उक्त पद पर पदोन्नति द्वारा भर्ती से संबंधित नियमों में भी संशोधन किया गया है। नए हरियाणा राजस्व (ग्रुप बी) सेवा (संशोधन) नियम 2021 के तहत, कोई भी व्यक्ति जिसे कानूनगो या जिला राजस्व लेखाकार या वित्तीय आयुक्त कार्यालय, हरियाणा के वरिष्ठ राजस्व लेखाकार के रूप में पांच साल का अनुभव है और जिसने नायब तहसीलदार की विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण की है, वह नायब तहसीलदार के पद के लिए पात्र होगा। संशोधित हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 के अनुसार पाठ्यक्रम का भी अद्यतन किया गया है।

हरियाणा फोरेंसिक साइंस (ग्रुप बी) सेवा नियम संशोधित
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा फोरेंसिक साइंस (ग्रुप बी) सेवा नियम, 1980 के संशोधन को स्वीकृति दी गई। मौजूदा सेवा नियमों में विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता के प्रावधान को हटाने के बाद अब इन्हें हरियाणा फोरेंसिक साइंस (ग्रुप बी) सर्विस (संशोधन) नियम, 2020 कहा जायेगा।

संशोधन के अनुसार, फोरेंसिक रसायन विज्ञान, भौतिकी, जीव विज्ञान, सीरोलॉजी, और बैलिस्टिक दस्तावेजों में विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता के प्रावधान को हटाया गया है। इसी प्रकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी (एनडीपीएस), विष विज्ञान, विस्फोटक पद के लिए आवेदन करने हेतु आवश्यक क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने के प्रावधान को भी हटा दिया गया है।

उक्त पद के लिए शिक्षा योग्यता में मैट्रिक या उच्च शिक्षा में हिंदी या संस्कृत को एक विषय के रूप में संशोधित किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ग्रुप सी के सेवा नियमों में संशोधन
हरियाणा मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी संवर्गों में रेडियोग्राफर के पद के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता में एकरूपता लाने के उद्देश्य से हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पैरा-मेडिकल और विविध, पदों (राज्य ग्रुप सी) में संशोधन को मंजूरी दी है। सेवा संशोधन नियम, 1998 के इन नियमों को हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पैरा-मेडिकल और विविध, पद (राज्य ग्रुप सी) सेवा संशोधन नियम, 2020 कहा जा सकता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पैरा-मेडिकल एवं विविध पद (राज्य ग्रुप सी) सेवा संशोधन नियम, 1998 में संशोधन की स्वीकृति प्रदान की।

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पैरा-मेडिकल और विविध पद (राज्य ग्रुप सी) सेवा संशोधन नियम, 2020 के तहत सीधी भर्ती के तहत भरे जाने वाले रेडियोग्राफर के पद के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं या समकक्ष, बीएससी, (नियमित) रेडियोग्राफी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी में या किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।

पंडित भागवत दयाल शर्मा पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रोहतक से रेडियोग्राफी और थेरेपी टेक्नोलॉजी में तीन साल का डिप्लोमा या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से समकक्ष तीन साल का डिप्लोमा रखने वाले भी उक्त पद के लिए सीधी भर्ती के तहत भरे जाने वाले रेडियोग्राफर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, आवेदक के पास मैट्रिक या उच्च शिक्षा में एक विषय के रूप में हिंदी या संस्कृत होना चाहिए।

इस बीच, सीधी भर्ती के अलावा भरे जाने वाले रेडियोग्राफर के पद के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति के पास किसी भी सरकारी विभाग / संस्थान से रेडियोग्राफर के रूप में दो साल के अनुभव के साथ-साथ उपरोक्त योग्यताएं होनी चाहिए।

शिक्षा विभाग में निशक्तजनों को बड़ी राहत, वर्ष 2017 में संशोधित शिक्षक स्थानांतरण नीति-2016 में किया संशोधन

हरियाणा सरकार ने विभिन्न अशक्तताओं से पीडि़त शिक्षकों, लिपिकों, सहायकों और लैब अटेंडेंट्स को बड़ी राहत प्रदान करते हुए आज हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के लिए वर्ष 2017 में संशोधित शिक्षक स्थानांतरण नीति-2016 में संशोधन के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त नीति के अंतर्गत किए जाने वाले आवश्यक विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की ताकि छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से शिक्षकों एवं स्कूल प्रमुखों की समान एवं मांग-आधारित नियुक्ति सुनिश्चित की जा सके।

संशोधन के अनुसार अब 31 से 50 प्रतिशत तक दृष्टि और लोकोमोटर निशक्तजनों को 10 अंक दिए जाएंगे, जबकि पहले उक्त निशक्तता की प्रतिशतता 40 से 60 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, अब 50 प्रतिशत से अधिक तथा 75 प्रतिशत तक की दृष्टि एवं लोकोमोटर निशक्तता वाले व्यक्तियों को 20 अंक दिये जायेंगे जबकि पूर्व में उक्त निशक्तता की प्रतिशत 60 से 80 प्रतिशत थी तथा मात्र अंक 15 दिये जाते थे।

इसी प्रकार, संशोधन के अनुसार, किसी भी कारण से दृष्टि हानि या लोकोमोटर निशक्तता को 100 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत से अधिक कर दिया गया है। इसके अलावा, अब कोई भी शिक्षक जो स्थानांतरण अभियान में भाग लेना चाहता है, यदि वह चाहे तो भाग ले सकता है, भले ही वह वर्तमान क्षेत्र/विद्यालय में कितने भी समय के लिए रहा हो। यह परिवर्तन लिपिकों, सहायकों और लैब अटेंडेंट के लिए स्थानांतरण नीति के संबंधित खंड पर भी लागू होगा।

संशोधित नियमों के तहत अब प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन स्थानांतरण अभियान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, अनैच्छिक मानित रिक्ति के तहत किए गए संशोधन के अनुसार, मौजूदा प्रावधानों के साथ अतिथि / तदर्थ शिक्षक के पद को भी शामिल किया गया है।

हरियाणा कैबिनेट ने पांच किफायती रेंटल हाउसिंग नीतियों को मंजूरी दी
नीतियां छात्रों, कामकाजी महिलाओं, श्रमिकों और वरिष्ठ नागरिकों की आवास संबंधी जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित
चंडीगढ़, 5 अगस्त – हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, श्रमिकों और वरिष्ठ नागरिकों आदि की आवास की जरूरतों को पूरा करने और सभी को किफायती आवास सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के विजन को साकार करने के लिए पांच किफायती रेंटल हाउसिंग नीतियां तैयार की गई हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन पांच किफायती रेंटल हाउसिंग नीतियों को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनमें रिटायरमेंट हाउसिंग नियोजित विकास नीति, किफायती रेंटल हाउसिंग नीति, स्टूडेंट रेंटल हाउसिंग नियोजित विकास नीति, मेडिको असिस्टेड लिविंग फैसिलिटीज नियोजित विकास नीति और कामकाजी महिला छात्रावास नियोजित विकास नीति शामिल है।

इन पांच नीतियों को हरियाणा अनुसूचित सडक़ें एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध अनियंत्रित अधिनियम,1963 के तहत सीएलयू की अनुमति और हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम,1975 के तहत लाइसेंस प्रदान करके तैयार किया गया है।
उक्त नीतियों के लिए जनसाधारण से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थी और प्रासंगिक सुझावों को नीतियों में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया है।

मानव संसाधन विभाग का गठन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्य सचिव के अधीन नए विभाग अर्थात् मानव संसाधन विभाग के गठन को मंजूरी दी गई है।

यह विभाग निर्धारित मानकों और मानदंडों जिनमें भर्ती, सेवा शर्तों के विनियमन/ स्थानांतरण, कर्मियों की प्रतिनियुक्ति; राज्य प्रशिक्षण नीति 2020 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने, एचसीएस सहित समूह ए, बी, सी और डी के सभी कर्मचारियों पर एकीकृत प्रशासनिक नियंत्रण सुनिश्चित करने, एक ही विभाग के माध्यम से सामान्य संवर्गों के रखरखाव को सुनिश्चित करन, जनसेवाओं कर प्रमाणिकता को सुनिश्चित करने , सेवाओं और भ्रष्टाचार के उन्मूलन तथा सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से भर्ती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गठित किया गया है।

सभी सरकारी पदों की सेवा शर्तों का विनियमन, एचआरएमएस, एचपीएससी / एचएसएससी, सीईटी के संबंध में नीति, प्रशिक्षण नीतियां, सरकारी कर्मचारियों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान, अस्थायी और संविदात्मक सेवाओं के संबंध में नीति, ऑनलाइन स्थानांतरण नीतियां अनुग्रह नीति, सेवा नियम, सार्वजनिक सेवाओं की प्रमाणिकता को बनाये रखने के लिए नीतियां तथा भ्रष्टाचार उन्मूलन, अक्षमता और भ्रष्टाचार के आधार पर कर्मचारियों का निष्कासन और समय समय पर विभागों का पुनर्गठन करना इस नए विभाग का कार्यक्षेत्र होगा।

सहायक आयुक्त, अतिरिक्त सहायक आयुक्त की विभागीय परीक्षा के मानक बदले
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रीमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) नियम, 2008 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

सहायक आयुक्तों, अतिरिक्त सहायक आयुक्तों और अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पद के लिए उम्मीदवारों की विभागीय परीक्षा के लिए उक्त नियमों के अनुसार पहले परीक्षा के तीन मानक थे: यानी क्रेडिट के साथ पास (75 प्रतिशत अंक), उच्चतर मानक (67 प्रतिशत अंक) और निम्न मानक (50 प्रतिशत अंक)।

अब नियमों में 6 जनवरी, 2021 की अधिसूचना के साथ संशोधन किया गया है और जिससे विभागीय परीक्षा पास करने के लिए केवल दो स्तर हैं यानी क्रेडिट (75 प्रतिशत अंक) और पास (50 प्रतिशत अंक) और इस प्रकार, अतिरिक्त सहायक आयुक्त के लिए विभागीय परीक्षा के उक्त नियमों में ‘उच्चतर मानक’ का कोई स्तर नहीं है।

राज्य सरकार द्वारा उक्त संशोधन दिनांक 6 जनवरी, 2021 के नियमों के अनुसरण में अधिसूचना की तिथि से ‘नियम, 2008’ के नियम 21 और 24 से ‘उच्चतर मानक द्वारा’ शब्दों को हटाने का निर्णय लिया गया है।

हरियाणा किसान पास बुक नियम में संशोधन

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2013-14 के लिए अधीनस्थ विधान पर हरियाणा विधानसभा समिति की 42वीं रिपोर्ट की टिप्पणियों के अनुसार हरियाणा किसान पास बुक नियम, 1996 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इन नियमों को हरियाणा किसान पास बुक (संशोधन) नियम, 2021 कहा जायेगा।

हरियाणा किसान पास बुक अधिनियम, 1994 प्रत्येक किसान को राजस्व संपत्ति में उसकी कृषि जोत के अधिकारों और देनदारियों के रिकॉर्ड वाले पास बुक प्रदान करने और उन्हें क्रेडिट सुविधाओं के लिए सक्षम करने और संबधित मामलों से जोडने या आक्समिक लागू करने के लिए 1994 का उक्त अधिनियम तथा हरियाणा किसान पास बुक नियम, 1996 तैयार किया गया।

संशोधनों के अनुसार इन नियमों को हरियाणा किसान पासबुक (संशोधन) नियम, 2021 कहा जायेगा। इन नियमों में, नियम 3 (5) में, पंक्ति चार में, ’ज्वाइनली’ शब्द को ’ज्वाइंटली’ शब्द से प्रतिस्थापित किया जाएगा।

उक्त नियमों के नियम 9 (2) में तीसरी पंक्ति में ’पास बुक’ शब्दों के स्थान पर ’किसान पास बुक’ शब्द तथा चौथी पंक्ति में ’एक सप्ताह के भीतर’ शब्दों को ’पंद्रह दिनों के भीतर’ शब्द प्रतिस्थापित किया जाएगा।

उक्त नियमों में, नियम 10 (3) को निम्नलिखित तरीके से प्रतिस्थापित किया जाएगा; अर्थात, ‘किसान पास बुक की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए सभी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी और इसे क्षति, विनाश और हानि से सुरक्षित करेगा। यदि सभी सावधानियों के बावजूद किसान पासबुक गुम हो जाती है या पूरी तरह से नष्ट हो जाती है, तो किसान डुप्लीकेट किसान पास बुक जारी करने के लिए फॉर्म 4 में अपना आवेदन जमा करेगा और उस पर सर्कल राजस्व अधिकारी द्वारा विचार किया जाएगा।

इस प्रकार किए गए आवेदन के साथ क्षतिग्रस्त या कटी-फटी किसान पासबुक या एक वचनबद्धता होनी चाहिए कि किसान पास बुक खो गई है या क्षतिग्रस्त हो गई है।’ यह संशोधन केवल व्यक्तिगत अंडरटेकिंग के लिए है और पुलिस रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

उक्त नियमों के नियम 12 में, पहली पंक्ति में, ‘के लिए’ शब्दों के बीच शब्द ‘(द्ब)’ को हटाया जाएगा।
उक्त नियमों में प्रपत्र 4 में क्रमांक 6 (ए) और क्रम संख्या 6(बी) को क्रमांक ’6’ से प्रतिस्थापित किया जाएगा। उक्त नियमों के अनुलग्न ’ए’ में, निर्देश संख्या 14 में ‘या छ: महीने के कारावास या दोनों’ शब्दों को छोड़ दिया जाएगा। उक्त नियमों में, अनुबंध ’क’ में; निर्देश संख्या 15 का हटाया जायेगा।

‘‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार’’ को तैयार (फ्रेमिंग) करने को मंजूरी
मौजूदा ढांचागत परियोजनाएं पूरी हों और प्रभावित न हों और सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन अधिनियम, 2013 (2013 का 30) में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार में संशोधन करने का प्रस्ताव

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में ‘‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार’’ को तैयार (फ्रेमिंग) करने को मंजूरी दी गई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मौजूदा ढांचागत परियोजनाएं पूरी हों और प्रभावित न हों और सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन अधिनियम, 2013 (2013 का 30) में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार में संशोधन करने का प्रस्ताव है।

पिछले अधिग्रहणों में, हरियाणा को मौजूदा आवश्यक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने में गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, अर्थात राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं, विद्युतीकरण सहित ग्रामीण बुनियादी ढांचा, गरीब लोगों के लिए आवास और किफायती आवास, राज्य सरकार या इसके उपक्रमों द्वारा स्थापित औद्योगिक गलियारे, जिसमें स्वास्थ्य,

शिक्षा जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत परियोजनाओं, जहां भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार और शहरी मेट्रो के पास रेल और रैपिड रेल जैसी परियोजनाएं जारी है, के लिए नामित रेलवे लाइनों या सडक़ों के दोनों किनारों पर दो किलोमीटर तक भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है।

इसलिए, विकास के लक्ष्यों और व्यक्तियों के अधिकारों के बीच एक अच्छा संतुलन बनाना समीचीन समझा गया है। इसी तरह, समग्र जनहित की रक्षा करने और वंचित वर्गों की सेवा करने के लिए, कुछ प्रावधानों में संशोधन करने और हरियाणा राज्य की प्रदेश विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय अधिनियम 2013 में कुछ धाराएं/प्रावधानों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है, लेकिन 2013 के अधिनियम के लाभकारी प्रावधानों को बनाए रखते हुए।

यहां यह उल्लेख करना उचित है कि राज्य ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं और उसके प्रक्रियाओं से संबंधित धारा 24 में संशोधन किया, धारा 46 0 टाइपोग्राफिकल त्रुटि को सुधारना, धारा 87-ए को अपराधों से संबंधित बी सरकारी अधिकारियों को सम्मिलित करना और धारा 101-ए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 (1894 का केंद्रीय अधिनियम 1) के तहत अर्जित भूमि को अव्यवहार्य या गैर-आवश्यक होने के कारण, हरियाणा अधिनियम संख्या 21 के 2018 के तहत गैर-अधिसूचित करने की शक्ति से संबंधित है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि मौजूदा ढांचागत परियोजनाएं पूरी हों और प्रभावित न हों और सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन:स्थापन अधिनियम, 2013 (2013 का 30) में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, राज्य के विकास और वृद्धि को सुनिश्चित करने और व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए, कुछ विकास परियोजनाओं इत्यादि, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, किफायती आवास, औद्योगिक गलियारे और स्वास्थ्य तथा शिक्षा और शहरी मैट्रो रेल परियोजनाओं इत्यादि को सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन और खाद्य सुरक्षा के संचालन से संबंधित मूल अधिनियम के अध्याय 2 और 3 के पूर्वावलोकन से छूट देने के लिए धारा 2 में संशोधन करना और धारा 10-ए को सम्मिलित करना समीचीन है।

एक नई धारा 23-ए को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है यदि रुचि रखने वाले व्यक्तियों के साथ लिखित रूप में एक समझौता होता है और अवार्ड दिया जाता है। इसके अलावा, प्रभावित परिवार को निर्धारित मुआवजे के 50 प्रतिशत की एकमुश्त राशि के साथ, प्रकृति में रैखिक परियोजनाओं के लिए पुनर्वास और पुन:स्थापन लागत के बदले एकमुश्त राशि के भुगतान से संबंधित धारा 31 – ए को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है।

इसके अतिरिक्त, मूल अधिनियम की धारा 40 के तहत कुछ मामलों में भूमि के तत्काल अधिग्रहण की सुविधा के लिए, संसद के अनुमोदन शब्दों को शब्दों के साथ या राज्य विधानमंडल द्वारा राज्य सरकार को दिए गए निर्देश के साथ प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य व्यापक जनहित में भूमि अधिग्रहण को सरल और त्वरित करना है। प्रस्तावित संशोधन मोटे तौर पर गुजरात राज्य द्वारा गुजरात अधिनियम संख्या 12 के 2016 द्वारा किए गए संशोधनों के अनुरूप हैं।

एमएमपीएसवाई के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एसओपी को दी मंजूरी
एमएमपीएसवाई के तहत 8,77,538 परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं
मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप दे दिया है। साथ ही, जिला स्तर पर एसओपी के अनुसार योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु निर्धारित अवधि में आवश्यक कार्यवाही के लिए उपायुक्त द्वारा नामित एडीसी/सीटीएम/नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय कर दी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एमएमपीएसवाई योजना के तहत 8,77,538 परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
15 मई, 2021 से नामांकन प्रक्रिया के फिर से शुरू करने के बाद नागरिक एमपीपीएसवाई में https://cm-psy.haryana.gov.in लिंक पर सीधे भी आवेदन कर सकते हैं।

नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) द्वारा आय और अन्य विवरणों के सत्यापन के बाद स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एसजेएचआईएफएम) द्वारा भुगतान प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सभी भुगतानों का वितरण योजना के पुन: खुलने की तिथि,15 मई, 2021 से पोर्टल पर प्राप्त नए आंकड़ों से किया जाएगा।

परिवार के सभी पात्र सदस्यों के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत नामांकन अनिवार्य कर दिया गया है।

सभी पात्र परिवार के सदस्यों को प्रधान मंत्री किसान मानधन योजना (पीएमकेएमवाई), प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएमवाई) और प्रधान मंत्री लघु व्यापारी मानधन (पीएमएलवीएमवाई) नामक तीन मानधन योजनाओं में से एक को चुनना होगा।

एमएमपीएसवाई के तहत सभी अनिवार्य योजनाओं के लिए लाभार्थी द्वारा जमा की गई प्रीमियम राशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।

यदि प्रीमियम राशि 6000 रुपये की सीमा से अधिक है तो इसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जिन लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) नहीं ली है, उन लाभार्थियों को बैंक जिलों में अपने एलडीएमएस के माध्यम से इन दोनों योजनाओं को लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

तीनों मानधन योजनाओं (पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमडीवाई और पीएमएलवीएमवाई) के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग होने के नाते, कृषि एवं श्रम विभाग लाभार्थियों को एमएमपीएसवाई के तहत योजनाओं को लेने के लाभों के बारे में प्रोत्साहित करेंगे।

सीएससी स्तर पर या टीओ के साथ आवेदनों के निपटान को ‘सेवा का अधिकार’ के दायरे में लाया गया है, जिसके आधार पर सभी लंबित आवेदनों को तीन सप्ताह के भीतर निपटाया जाना होगा।

जिला स्तर पर एमएमपीएसवाई से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी और उनमें तेजी लाने के लिए उपायुक्त को एडीसी या सीटीएम रैंक के एक नोडल अधिकारी को नामित करने के लिए अधिकृत किया गया है ताकि निर्धारित समय के अनुसार गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।

हिसार हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखने की स्वीकृति
हवाई अड्डे से उड़ान संचालन की शुरुआत के साथ परियोजना का चरण-1 पहले ही पूरा हो चुका
चरण-2 के तहत हवाई पट्टी 4000 फीट से बढ़ाकर 10000 फीट करने का काम चल रहा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूदा हिसार हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा, हिसार रखने की स्वीकृति प्रदान की गई।

2018-19 में हवाई अड्डे के लिए हवाई अड्डा लाइसेंस की खरीद और भारत सरकार की आरसीएस उड़ान योजना के तहत हिसार हवाई अड्डे से उड़ान संचालन की शुरुआत के साथ परियोजना का चरण-1 पहले ही पूरा हो चुका है। परियोजना के चरण-2 के तहत हवाई पट्टी को उसकी मौजूदा लंबाई 4000 फीट से बढ़ाकर 10000 फीट करने का काम पहले से ही किया जा रहा है।

इंटीग्रेटेड एविएशन हब हिसार परियोजना के चरण-2 के तहत विभिन्न उप-परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 26 जुलाई, 2021 को स्थायी वित्तीय समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में वैश्य समुदाय के अपार योगदान का सम्मान करते हुए हिसार के मौजूदा हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा, हिसार रखा जाना उचित होगा क्योंकि यह हवाई अड्डा अग्रोहा शहर के निकट स्थित है जो महान राजा महाराजा अग्रसेन का साम्राज्य था।

हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड की स्थापना को स्वीकृति
सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, वैधानिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों राज्य शैक्षिक संस्थानों और राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठनों में कुशल, अर्ध-कुशल और अन्य मानवशक्ति की तैनाती करेगी कम्पनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, वैधानिक संस्थाओं, राज्य विश्वविद्यालयों और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एवं नियंत्रित अन्य एजेंसियों में मानव शक्ति की तैनाती के लिए दो करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर के साथ हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड नामक एक कंपनी की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गई।

वर्तमान में राज्य में सेवाओं और मानवशक्ति की नियुक्ति के लिए विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही गैर-मानकीकृत नियुक्ति प्रक्रियाओं सहित राज्य में विभिन्न सरकारी संस्थाओं के लिए नियुक्ति की विभिन्न चुनौतियाँ हैं। इनमें मानवशक्ति को सेवा में शामिल करते समय पारदर्शिता का अभाव; विलंबित भुगतान, भुगतान न करने या वेतन और लाभों के कम भुगतान के माध्यम से निजी ठेकेदारों या सेवा प्रदाताओं द्वारा संविदात्मक मानवशक्ति का शोषण; निजी ठेकेदारों या सेवा प्रदाताओं द्वारा ईपीएफ की अनुचित कटौती/गैर/कटौती द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के प्रावधानों का गैर-अनुपालन; कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम 1948 के तहत निजी ठेकेदारों या सेवा प्रदाताओं द्वारा ईएसआई के अनुचित/गैर-जमा द्वारा स्वास्थ्य बीमा के प्रावधानों का गैर-अनुपालन; और निजी ठेकेदारों या सेवा प्रदाताओं द्वारा मानवशक्ति की तैनाती में आरक्षण नीति पर सरकारी निर्देशों का पालन न करना शामिल है।

उपरोक्त चुनौतियों का समाधान करने के लिए हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक कंपनी स्थापित करना आवश्यक हो गया था जो राज्य सरकार की सभी सरकारी संस्थाओं की मांग के अनुसार मानवशक्ति को तैनाती को सुचारू बनाएगी।

कंपनी का उद्देश्य सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, वैधानिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों राज्य शैक्षिक संस्थानों और राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठनों में कुशल, अर्ध-कुशल और अन्य मानवशक्ति की तैनाती का कार्य करना है। कंपनी आवश्यक योग्यता और अनुभव के अनुसार आवश्यक मानवशक्ति को तैनात करेगी।

यह हरियाणा में रहने वाले सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश करने वाले उम्मीदवारों का एक ऑनलाइन रजिस्टर तैयार करेगी और पूर्वनिर्धारित मानदंडों के आधार पर कौशल और तैनाती के लिए आवश्यकता-आधारित कौशल प्रशिक्षण और लक्षित सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित उम्मीदवारों को लक्षित करेगी।

कंपनी पहले से ही तैनात मानवशक्ति के लिए निरंतर कौशल प्रशिक्षण और उन्नयन की व्यवस्था करेगी और मांग के आधार पर निजी प्रतिष्ठानों में कुशल और अर्ध-कुशल मानवशक्ति की तैनाती की व्यवस्था करेगी। इसके अतिरिक्त, कंपनी प्रभावी रूप से अल्पकालिक और मध्यमावधि की मानवशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करेगी और कुशल, पारदर्शी, टिकाऊ और तकनीकी प्रक्रियाओं को अपनाकर तैनात मानवशक्ति के लिए उचित लाभ सुनिश्चित करेगी और मानवशक्ति की तैनाती करते समय आरक्षण नीति पर समय-समय पर जारी सरकारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। कंपनी के निदेशक मंडल से पूर्वानुमोदन के साथ कंपनी मानव शक्ति की तैनाती से संबंधित अन्य कार्य भी करेगी।

कंपनी की स्थापना के लिए इक्विटी शेयर पूंजी के रूप में दो करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि स्वीकृत की जाएगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव कंपनी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष होंगे और निदेशक मंडल में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, वित्त विभाग एवं रोजगार विभाग के प्रशासनिक सचिवों के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव और कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक भी शामिल होंगे जबकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी।

अध्यक्ष, निदेशक मंडल और कार्यकारी समिति कंपनी के समग्र कामकाज की देखरेख करेंगे। हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक को कंपनी के गठन एवं निगमन के लिए अधिकृत किया जाएगा। निदेशक मंडल के अनुमोदन से कंपनी के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए मुख्य कार्यों और सहायक कार्यों के लिए प्रबंधकीय पदों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।

कॉलेज कॉडर ग्रुप-सी सेवा नियम संशोधित
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा शैक्षणिक महाविद्यालय कैडर (गु्रप सी) सेवा नियम, 1986 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।

अब इन नियमों को हरियाणा शैक्षणिक महाविद्यालय कैडर (गु्रप सी) सर्विस (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा।
हरियाणा शैक्षणिक महाविद्यालय कैडर (गु्रप सी) सेवा नियम, 1986 (जिसे अब हरियाणा शैक्षणिक महाविद्यालय कैडर (गु्रप सी) सर्विस (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा) के नियम 5 में, ‘‘पैंतीस वर्ष’’ और ‘‘सत्तरह वर्ष’’ शब्दों के स्थान पर क्रमश: ‘‘बयालीस वर्ष’’ और ‘‘अठारह वर्ष’’ शब्द प्रतिस्थापित किया जाएगा।

संशोधन तबला वादक या किसी राज्य सरकार या भारत सरकार की सेवा में पहले से ही नियुक्त उक्त कर्मचारी के स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति द्वारा पदोन्नति के खंड (क्लॉज) में किया गया है।

नए हरियाणा शैक्षणिक महाविद्यालय कैडर (गु्रप सी) सर्विस (संशोधन) नियम, 2021 के तहत पदोन्नति द्वारा वरिष्ठ तबला वादक के पद पर पदोन्नति प्राप्त करने के लिए कर्मचारी के पास तबला वादक के रूप में 20 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

इसी बीच प्रतिनियुक्ति या स्थानांतरण द्वारा पदोन्नति के लिए कर्मचारी को किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार में तबला वादक के रूप में 20 वर्ष का अनुभव और मैट्रिक या उच्चतर शिक्षा में एक विषय के रूप में हिंदी या संस्कृत का ज्ञान होना चाहिए।

सुपवा कुलपति की पात्रता मानदंड में परिवर्तन
पात्रता मानदंडों और कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद, योजना बोर्ड और विश्वविद्यालय के संकायों आदि के गठन में परिवर्तन का भी निर्णय

हरियाणा सरकार ने पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक, अधिनियम, 2014 और कुलपति की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड में परिवर्तन के संबंध में इसकी अनुसूची में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश पारित किया है ताकि पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक को फिल्म एवं टीवी के एक विशेष संस्थान के रूप में परिवर्तित किया जा सके और फिल्म एवं टीवी के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तियों को विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त और विश्वविद्यालय के कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद और योजना बोर्ड के गठन और संकाय में परिवर्तन किया जा सके।

इस आशय का निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
फिल्म एवं टेलीविजन, फोटोग्राफी, अभिनय, नृत्य, मीडिया, ललित कला, पेंटिंग और संबंधित क्षेत्रों को मुख्य क्षेत्रों के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक शिक्षण-सह-प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए अध्यादेश की आवश्यकता है।

सरकार एक चयन समिति भी गठित करेगी और तकनीकी शिक्षा विभाग,हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव इसके अध्यक्ष होंगे और कुलाधिपति का एक नामित और कार्यकारी परिषद एवं परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों/उद्योग से एक-एक नामित व्यक्ति शामिल होंगे जो वर्णानुक्रम में कम से कम तीन नामों का एक पैनल तैयार करेंगे, जिनमें से कुलाधिपति सरकार की सलाह पर कुलपति की नियुक्ति करेंगे।

कुलपति फिल्म एवं टेलीविजन / ललित कला के क्षेत्र से एक प्रसिद्ध व्यक्ति होगा और वह तीन वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करेंगे और उनके कार्यकाल एक बार से अधिक के लिए नवीनीकृत नहीं किया जा सकेगा। बशर्ते कि वह सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पद धारण करना बंद कर देगा, चाहे उनका कार्यकाल समाप्त न हुआ हो।

पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक रोहतक शहर के केंद्र में स्थित है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आता है। विश्वविद्यालय प्रदर्शन और दृश्य कला में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के रूप में उभर कर सामने आया है।

राज्य सरकार ने कुलपति की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंडों और कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद, योजना बोर्ड और विश्वविद्यालय के संकायों आदि के गठन में परिवर्तन का भी निर्णय लिया है।

इस समय विधानसभा सत्र में नहीं है और मामला तत्काल जनहित का है। अत: इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि विधेयक की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया और अन्य संबंधित मुद्दों में देरी हो सकती है, इसलिए स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक, अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाना आवश्यकता हो गया है।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम प्रतिस्थापित करने को स्वीकृति
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में हरियाणा सरकार 1977 के कामकाज के नियमों की अनुसूची के तहत अधिनियम की धारा 14 में संशोधन करने, अधिनियम की धारा 16 को हटाने और अधिनियम में एक नई धारा 17 को नियम 37 के अनुसार प्रतिस्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसे नियमावली की अनुसूची में प्रविष्टि 9 के साथ पठित किया गया है। इस अधिनियम को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जा सकता है।

इन संशोधनों को यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि बहाली की शक्ति को अंतिम उपाय के रूप में ठीक से उपयोग किया जाता है और आगे यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस शक्ति का उचित जिम्मेदारी के साथ प्रयोग किया जाता है। यह वांछनीय माना जाता है कि बहाली, जब्ती, जुर्माना लगाने की शक्ति और वसूली का प्रयोग पर्याप्त अनुभव और कानून का ज्ञान रखने वाले अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है।

अधिनियम की मौजूदा धारा 16 संपदा अधिकारी को अंतरिती से वसूली योग्य राशि से अधिक का जुर्माना लगाने का अधिकार देती है जिसका अर्थ है कि उसके पास पूर्ण विवेक है और कहा गया है कि शक्ति का दुरुपयोग किया जा सकता है। अत: विवेकाधिकार को दूर करने के लिए यह प्रस्ताव है कि जुर्माना की राशि वसूली योग्य राशि के 50 प्रतिशत पर नियत की जाए।

अधिनियम की मौजूदा धारा 17 में, एक लंबी प्रक्रिया निर्धारित की गई है और साइट को फिर से शुरू करने से पहले चार नोटिस जारी करने और तामील करने की आवश्यकता है। इससे प्रक्रियात्मक विलंब भी होता है और बहाली में निर्णय लेने की प्रक्रिया को छोटा करने की आवश्यकता है।

इसी प्रकार, यह भी आवश्यक है कि विलंब की अवधि जिसे अपील या पुनरीक्षण याचिका दायर करने में माफ किया जा सकता है, निर्धारित है। यह महसूस किया गया है कि इस प्रावधान को शामिल करने की आवश्यकता है कि अपीलीय और पुनरीक्षण प्राधिकारी के पास समीक्षा की कोई शक्ति नहीं होगी। इससे सुलझे हुए मामलों को दोबारा नहीं खोलने और कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

उपरोक्त को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि अधिनियम की धारा 16 को हटाकर नई धारा 17 को प्रतिस्थापित किया जाए। अत: यह प्रस्ताव है कि अधिनियम की नई धारा 17 के तहत बहाली, जब्ती, जुर्माना लगाने और वसूली की शक्तियां संबंधित संपदा अधिकारी के स्थान पर संबंधित क्षेत्रों के प्रशासक को प्रदान की जाएं। अधिनियम की धारा 17 (5) और 17 (7) के तहत अपील को सुनने की शक्ति, जो संबंधित क्षेत्रों के प्रशासक को प्रत्यायोजित की गई थी, वापस ले ली जाए और अपीलों की सुनवाई केवल मुख्य प्रशासक द्वारा की जाए।

हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम सीआरआईडी (CRID) को हस्तांतरित
सीआरआईडी सभी नागरिक संसाधनों की सूचना के प्रबंधन के लिए नोडल विभाग
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम, 2008 के प्रशासन को नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

चूंकि सीआरआईडी सभी नागरिक संसाधनों की सूचना के प्रबंधन के लिए नोडल विभाग है और विवाह पारिवारिक संरचना सूचना का एक प्रमुख तत्व है, अत: यह निर्णय लिया गया है कि हरियाणा सरकार कार्य (आवंटन) नियम, 1974 में उचित संशोधन करके हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम, 2008 और इसके तहत बनाए गए नियमों एवं कार्यों के प्रशासन को सीआरआईडी को हस्तांतरित कर दिया जाए।

यहां यह उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल, 2020 को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के कार्यान्वयन के विशिष्ट कार्य के साथ सीआरआईडी का गठन किया गया था। पिछले डेढ़ वर्ष में परिवार पहचान पत्र डेटाबेस में 2.48 करोड़ व्यक्तियों के साथ 64 लाख से अधिक परिवारों का पंजीकरण हुआ है।

सीआरआईडी ने पीपीपी डेटाबेस को जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण प्रणाली से भी जोड़ा है। राज्य सरकार का ऑनलाइन विवाह पंजीकरण पोर्टल http://shaadi.edisha.gov.in सीआरआईडी द्वारा दिसंबर 2020 में विकसित किया गया था और यह विवाहों के पंजीकरण और अपॉइंटमेंट के समय-निर्धारण के लिए आवेदन प्राप्त करने के लिए नामित पोर्टल है। वर्तमान में हरियाणा में विवाहों के पंजीकरण के लिए प्रौद्योगिकी प्रणाली को सीआरआईडी द्वारा बनाए रखा जाता है।

हरियाणा मोटर वाहन नियम संशोधित, परिवहन वाहनों के संचालन के लिए आयु में संशोधन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मोटर वाहन नियम, 1993 के नियम 67-ए में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1985 की रिट याचिका संख्या 13029 में पारित आदेश के अनुरूप राज्य में विभिन्न परमिटों के तहत विभिन्न प्रकार के परिवहन वाहनों के संचालन की आयु को संशोधित किया गया है।

उक्त आदेश के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऐसे वाहन, जो क्रमश: 10 वर्ष और 15 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं, का संचालन प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों, एलएनजी, सीएनजी आदि जैसी स्वच्छ ईंधन प्रौद्योगिकियों की शुरूआत के साथ ऐसे वाहनों के संचालन की आयु बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता महसूस की गई ताकि ऐसे वाहनों को तेजी से अपनाने को बढ़ावा दिया जा सके और इस तरह पर्यावरण की रक्षा की जा सके।

हरियाणा मोटर वाहन नियम में यह संशोधन स्टेज कैरिज बसों की आयु निजी सेवा वाहनों और शैक्षणिक संस्थान वाहनों के बराबर तय कर एक विसंगति को भी दूर करेगा। यह स्टेज कैरिज परमिट धारकों की चिरलम्बित मांग रही है और इससे सरकारी खजाने में बचत होने के अलावा, हरियाणा रोडवेज के साथ-साथ निजी ऑपरेटरों द्वारा प्रदान की जा रही परिवहन सेवाओं में वृद्धि होगी।
पर्यटक परमिट वाले वाहनों की आयु केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 82 के अनुरूप अपरिवर्तित है।

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