Haryana : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए धमाकेदार घोषणा, सीधे बन पाएंगी सुपरवाइजर, नहीं देनी होगी परीक्षा

चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) में आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) पर कार्यरत हजारों कार्यकर्ताओं (workers) को अब सुपरवाइजर (supervisor) बनने के लिए परीक्षा पास नहीं करनी होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) अपने सेवा नियमों (service rules) में बदलाव करते हुए विभागीय पदोन्नति (departmental promotion) की व्यवस्था लागू करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार (central government) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों (guidelines) के मुताबिक शीघ्र प्रक्रिया शुरू होगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं (Anganwadi workers and helpers) को साल में मानदेय के साथ एक माह का चिकित्सा अवकाश (medical leave) देने के लिए भी विभागीय प्रक्रिया (departmental process) शुरू की जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न मागों को लेकर सहमति बनने के बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन (Anganwadi Workers Helpers Union) ने अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमति जता दी है।

वीरवार को हरियाणा सचिवालय (Haryana Secretariat) में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (Minister of State for Women and Child Development) कमलेश ढांडा से आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन के प्रतिनिधिमंडल (delegation) ने राज्य प्रधान कुंज भट्ट (state head kunj bhatt) की अगुवाई में मुलाकात की तथा बीते दिनों से चल रहे आंदोलन को लेकर अपनी बात रखी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पंचकूला (Panchkula) में आंदोलनरत थीं।

इस पर राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक हेमा शर्मा, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) हितेंद्र कुमार, राजबाला कटारिया एवं पूनम रमन को साथ बैठाकर चर्चा की। डेढ़ घंटे तक चली बैठक के दौरान डेढ दर्जन मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा (Kamlesh Dhanda) ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को भरोसा दिलाया कि उनके हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

राज्यमंत्री (state Minister) ने बताया कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से सुपरवाइजर (supervisor) बनने के लिए आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा पास करनी होती थी, लेकिन अब विभाग 50 प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति (departmental promotion) के माध्यम से भरने के लिए सेवा नियमों में संशोधन करेगा। इससे हजारों आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को बिना परीक्षा और सरल तरीके से पदोन्नति के अवसर मिलेंगे।

इससे पूर्व आंगनबाड़ी सहायिका से आंगनबाडी कार्यकर्ता के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति की व्यवस्था लागू की जा चुकी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हर साल में मानदेय सहित एक माह का चिकित्सा अवकाश देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए तत्काल विभाग को प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।

कमलेश ढांडा ने बताया कि प्रदेश में किराये के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के किराये संबंधी अड़चनों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता को लिखा गया है और जल्द ही जिला स्तर पर कार्यकारी अभियंता अपने दायरे में आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट देंगे, ताकि किराये संबंधी अड़चनों को दूर किया जा सके।

विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय महीने की सात तारीख तक देना सुनिश्चित किया जाएगा, इसके लिए भारत सरकार से प्राप्त होने वाली राशि की उपलब्धता को लेकर भी समन्वय किया जाए। उन्होंने कहा कि पोषण ट्रैकर एप को लेकर कार्यकर्ताओं के सभी संशय को दूर किया जाएगा और उनकी प्रशिक्षण व्यवस्था कर तकनीकी रूप से उन्हें कुशल बनाया जाएगा। इसके लिए कार्यकर्ता को 500 रुपये तथा सहायिका के लिए 250 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।

बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुशल व अर्धकुशल श्रेणी में निर्धारण के प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिस पर वित विभाग से मंजूरी मिलने के बाद लागू करने पर सहमति बनाई गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को आयुष्मान योजना के दायरे में लाकर स्वास्थ्य लाभ देने, गैस सिलेंडर की दरों में बढोतरी के अनुरूप राशि बढ़ोतरी करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मृत्यु अथवा सेवानिवृति पर भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से मुआवजा देने, कोरोना अवधि में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाली कार्यकर्ता एवं सहायिका को 20 लाख रुपये की राशि देने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर सहमति बनी।

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