गुरु पूर्णिमा है 24 जुलाई को, जाने क्या है शुभ महूर्त, क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

डेस्क :गुरु पूर्णिमा : हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का काफी खास महत्व होता है. लोग अक्सर पूर्णिमा के दिन व्रत रखते है, ईश्वर की आराधना करते हैं और दान भी करते हैं. लेकिन आसाढ़ के महिने में आने वाले पूर्णिमा यानी की गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में एक अलग और खास महत्त्व है. पूरे देश में इस त्योहार को काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. आपको बता दें कि इस साल गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई के दिन है जोकि काफी शुभ है.

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा क्यों कहते है, जानें

महर्षि वेद व्यास का नाम तो आपने सुना ही होगा. अगर नहीं सुना है, तों हम आपको बताएंगे. दरअसल महर्षि वेद व्यास एक महान ज्ञानी थे. उन्हें चारों वेदों का सम्पूर्ण ज्ञान था. हिन्दू धर्म के पुराणों की कुल संख्या 18 है और इन सभी 18 पुराणों की रचना महर्षि वेद व्यास जी ने ही की थी. इतने अधिक ज्ञानी होने के कारण इन्हें आदिगुरु भी कहा जाता था और इन्हीं सभी कारणों से Guru Purnima को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

आखिर क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा, क्या है इसका महत्व, क्या है शुभ मुहूर्त, जानें

ऐसा माना जाता है कि आसाढ़ महिने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था.  इसलिए हर वर्ष इस दिन उनकी जन्मदिन की ख़ुशी में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है, जोकि तिथि के अनुसार मनाई जाती है. इस बार गुरु पूर्णिमा का शुभ महूर्त 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा और 24 जुलाई को 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा.

भारत की संस्कृति में तों गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्ज़ा दिया गया है. गुरु ही अपने शिष्य को सही राह दिखाता है. इसलिए ये त्योहार मनाना तो अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है.

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