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झज्जर के 1 किलो से ज़्यादा वजनी अमरुद मचा रहा तहलका, अनानास का दे रहे स्वाद, लोग हुए कायल

झज्जर : हरियाणा के झज्जर जिले के जैविक कृषि उत्पादों की धूम हर तरफ मची है। चाहे वह फल हों या सब्जियां। जिले के अनेक किसान जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में पहुंचा रहे हैं। इससे वे न केवल मोटा मुनाफा कमाते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि और लोगों के लिए मिसाल बन रहे हैं।

रईया गांव निवासी अश्वनी धनखड़ के सत्या फार्म के अमरूद लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। वहीं इनका स्वाद अभी अनानास की तरह है और अमरूद का वजन 1 किलो 300 ग्राम तक पहुंच चुका है। जैविक तरीके से तैयार किए गए अमरूद से फिलहाल अश्वनी धनखड़ इस सीजन में अब तक 60 हजार रुपये खर्च कर 2 लाख रुपये कमा चुके हैं जबकि बाग में अमरूद का फल आया हुआ है। जिसकी बिक्री निरंतर चल रही है।

छह माह बाद और बढ़ेगी आमदनी

फिलहाल अश्वनी का बाग ढाई साल का हुआ है। बाग 3 साल का होने पर उसकी आमदनी 5 लाख से अधिक पहुंच जाएगी। फिलहाल अश्वनी धनखड़ ने अपनी एक एकड़ भूमि में 950 अमरूद के पौधे लगाकर तैयार किए गए हैं। वहीं एक एकड़ में 4 माह पहले ही उसने ताइवान पिंक किस्म के अमरूद के पौधे लगाए हैं जो पूरी तरह से 3 साल में बाग तैयार होगा।

इसके बाद उसकी आमदनी दोगुनी हो जाएगी। अश्वनी धनखड़ की मां सत्यवती देवी भी उनके साथ जैविक खेती करने में अहम भूमिका निभाते हुए उनका हौसला भी बढ़ा रही हैं और उनके पिता राकेश धनखड़ भी उनका हाथ बटाते हैं। धनखड़ का कहना है कि वह अमरूद का फल आने के बाद उसे नेट फॉम बैग में पैक कर देते हैं और पूरा फल तैयार होने के बाद उसे तोड़ते हैं।

कलेक्शन मैनेजर की नौकरी छोड़ अपनाई जैविक खेती

अश्वनी धनखड़ गुरुग्राम की एक कंपनी में कलेक्शन मैनेजर की नौकरी करते थे और सितंबर 2020 में उन्होंने नौकरी छोड़कर जैविक खेती अपनाई और इसी क्षेत्र में पूरा ध्यान लगा चुके हैं। उनका कहना है कि उनका अमरूद शुगर व वजन कम करने में काफी सहायक है क्योंकि सेब में 125 एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और उनके अमरूद में 425 ग्राम एंटीऑक्सीडेंट हैं।

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी घोषणा की है कि अगर उनके अमरूद में कोई केमिकल मिलता है तो वे 50 हजार का इनाम देने के लिए तैयार हैं। अश्वनी ने बताया कि वह दिल्ली व गुरुग्राम में मांग के मुताबिक अमरूद भेज रहे हैं। बाकी अपने खेत के पास कोसली रोड पर स्टॉल लगा कर अमरूद बेचते हैं।

अमरुद में एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं। इस लिए अमरुद शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है। जैविक फल व सब्जियां तो शुगर के मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए बेहतर होते हैं। – फिजिशियन डॉ. मोनिल कादयान 

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