राजनीति

किसान अब असमंजस में, विरोध करें या ना? मुख्यमंत्री के ओलावृष्टि प्रभावित गांवों में आने की चर्चा है वजह

सोनीपत : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal के 6 नवम्बर को सोनीपत आने का प्रोग्राम है। उस समय सीएम का विरोध किया जाना है या नहीं? इस पर बुधवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा Sanyukt Kisan Morcha की जिला कार्यकारिणी की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया।

बुधवार को सोनीपत में बैठक करते संयुक्त किसान मोर्चा की जिला इकाई के सदस्य। - Dainik Bhaskar

साथ ही चेतावनी दी गई कि सरकार किसानों की तबाही पर राजनीति न करे। उधर सीएम सोनीपत आएंगे या नहीं, इसको लेकर अभी तक न तो कोई आधिकारिक ऐलान हुआ है और न ही सोनीपत जिला प्रशासन के पास इसकी कोई सूचना पहुंची है। किसानों में सीएम के विरोध को लेकर दो-मत हैं।

सोनीपत जिले के खरखौदा एरिया के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पिछले दिनों हुई भारी ओलावृष्टि से धान और अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। इस ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने सोनीपत के डीसी को ज्ञापन सौंपकर विशेष गिरदावरी की मांग की थी। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुआवजे की मांग को लेकर चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल से भी मिला था। तब सीएम ने 6 नवंबर को सोनीपत आकर नुकसान का मुआयना करने की बात कही थी। अब किसान संगठन इस बात को लेकर पसोपेश में हैं कि सीएम अगर 6 नवम्बर को सोनीपत आते हैं तो उनका विरोध किया जाए या नहीं? संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही ऐलान कर चुका है कि वह सीएम मनोहर लाल खट्‌टर को हरियाणा में कहीं भी नहीं जाने देगा।

किसानों के ज्ञापन पर 10 दिन बाद भी जवाब नहीं

बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की सोनीपत जिला इकाई की मीटिंग वरिष्ठ सदस्य श्रद्धानंद सोलंकी की अध्यक्षता में छोटू राम धर्मशाला में हुई। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के मेंबर ईश्वर सिंह राठी ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले दिनों सोनीपत जिले के काफी गांवों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई। आसपास के गांवों के लोगों ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 25 अक्टूबर को सोनीपत के डीसी के माध्यम से हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेजकर 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की थी। 10 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक सरकार की तरफ से उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

मुख्यमंत्री के दौरे की कोई जरूरत नहीं

अब पता चला है कि 6 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद ओलावृष्टि प्रभावित गांवों में आकर नुकसान को देखेंगे जबकि यह काम पटवारी, गिरदावर, एग्रीकल्चर विभाग और स्थानीय प्रशासन का है। इन महकमों ने अभी तक यह काम पूरा क्यों नहीं किया?

बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री के दौरे की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर सीएम आ रहे हैं तो संयुक्त किसान मोर्चा मांग करता है कि सीएम उसी दिन धान के लिए कम से कम प्रति एकड़ 50 हजार रुपए प्रति एकड़ और दूसरी फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की घोषणा करें। अगर सीएम ऐसा नहीं करते तो यह किसानों के साथ धोखा होगा। भाजपा किसानों की तबाही पर राजनीति करती है।

संयुक्त किसान मोर्चा की सोनीपत जिला इकाई की इस बैठक में ईश्वर सिंह राठी और श्रद्धानंद सोलंकी के अलावा वरिष्ठ किसान नेता ब्रह्म सिंह दहिया, मास्टर ईश्वर सिंह दहिया, डॉक्टर सतपाल, कृष्ण शर्मा, डॉ राजेश दहिया, आनंद शर्मा, सुरेंद्र सिंह, रविंदर, वजीर सिंह भी उपस्थित रहे।

 

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