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मौसम का असर: पूरे हरियाणा में बारिश, आज फिर बदलेगा मौसम, आगे कैसा रहेगा मौसम? देखें

करनाल : पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण पूरे प्रदेश में दिनभर बूंदाबांदी का माहौल बना रहा, यह सिलसिला आने वाले 24 घंटे में बने रहने की संभावना है। हालांकि शनिवार के मुकाबले रविवार को बूंदाबांदी की सक्रियता थोड़ी कम रहेगी। क्षेत्र में हुई बरसात के साथ दक्षिण-पूर्वी हवाओं ने मौसम में ठंडक बढ़ा दी है। हवा की रफ्तार तेज होने के कारण कोहरा जम नहीं पाया है, जिसके कारण दृश्यता साफ रही। करनाल व आसपास के क्षेत्र में 5.0 से 6.0 एमएम बरसात हो सकती है। जनवरी में 5वीं बार होने जा रही बरसात के कारण मौसम में लगातार नमी बनी हुई है, जिसके कारण सरसों की फसल को नुकसान होने का अंदेशा बढ़ गया है। इसके अलावा टमाटर व मटर  की फसल को भी ज्यादा बरसात से नुकसान हो सकता है। गेहूं की फसल के लिए यह बरसात बहुत बढ़िया बताई जा रही है।

आज तेज हवा कर सकती है परेशान

मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि 23 जनवरी को मौसम में एक बार फिर बदलाव देखने को मिल सकता है। तेज हवाएं चल सकती है, हालांकि तेज हवा का असर उत्तर हरियाणा के कुछ जिलों में ज्यादा देखने को मिल सकता है। हवा की रफ्तार तेज होने व नमी के कारण सरसों की जड़ें उखड़ सकती हैं। इसके अलावा फूल व फलियां भी टूटकर गिर सकती हैं, जिससे पैदावार पर असर पड़ेगा। ओलावृष्टि की आशंका ने भी किसानों की चिंता बढ़ा दी है।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम 

मौसम विभाग के मुताबिक इस समय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और आसपास के इलाकों पर बना हुआ है। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा पश्चिमी राजस्थान से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। उत्तर बंगाल प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

आगे इस प्रकार का रहेगा मौसम

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव तथा राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से हरियाणा राज्य में 21 जनवरी देर रात्रि व आज 22 जनवरी को उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्रों में तेज हवा के साथ कहीं हल्की व कहीं मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 23 जनवरी तक बने रहने की संभावना है। जिससे राज्य के उत्तर पश्चिमी तथा दक्षिण क्षेत्रों में हवायों के साथ कहीं कहीं बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना है। मगर 24 जनवरी को उतरी हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी व अन्य क्षेत्रों में आंशिक बादलवाई रहने की संभावना है। प्राय इस बार देखा गया है कि हरियाणा में सर्वाधिक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए। पिछले छह माह में पश्चिमी विक्षोभ आने से मौसम में काफी परिवर्तन देखा गया। पहले तो बारिश ने रिकार्ड तोड़, फिर सर्दी भी चरम पर है।

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात मैदानी क्षेत्रों में बारिश तो पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। यह ईरान ईराक अफगानिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करते हैं। हर माह में पश्चिमी विक्षोभ तीन से चार आते हैं।

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