सुसाइड की कोशिश : प्राइवेट अस्पताल के डाॅक्टर ने बेहोशी के इंजेक्शन से किया आत्महत्या का प्रयास

भिवानी : रोहतक रोड पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के संचालक डॉक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगा कर खुद को मारने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि डॉक्टर रोज की तरह 10 बजे अस्पताल में आये थे पर OPD में जाने की बजाय वह पहली मंजिल के एक कमरे में चले गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. करीब एक घंटे बाद जब डॉक्टर को ढूढ़ते हुए स्टाफ वहा पंहुचा तो दरवाजा अंदर से बंद था. बहुत खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला और फिर शीशा तोड़ कर जाकर अंदर से दरवाजा खोला गया तो डॉक्टर बेहोशी की हालत मे थे.

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आनन-फानन मे अस्पताल के स्टाफ ने उनको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ उन्हें होश नहीं आया तो PGIMS रोहतक में उन्हें लेकर जाया गया.

पुलिस ने किया खंडन

वहाँ पता चला कि डॉक्टर ने बेहोशी की एक दवा का इंजेक्शन खुद को दिया था, जिस कारण वह बेहोश हो गए थे. इस दवा की 10 एमएल ही पर्याप्त होती है परन्तु डॉक्टर ने कितने एमएल लिया है यह अभी साफ नहीं है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर मानसिक रूप से परेशान थे. परन्तु थाना SHO का कहना है कि खुदखुशी करने जैसी कोई भी बात अभी सामने नहीं आयी है मामले की पूरी जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

क्या कहना है एक्सपर्ट का, जानें

सिविल अस्पताल के बेहोशी के डॉक्टर वेदपाल का कहना है कि बेहोशी का इंजेक्शन मरीज को ऑपरेशन के दौरान दिया जाता है, परन्तु इसके साथ ही मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी रखा जाता है. ऑक्सीजन सपोर्ट ना देना जानलेवा भी हो सकता है. बेहोशी के दवा के कारण मांसपेशिया भी बंद पड़ सकती हैं. साथ ही सांस लेना भी बंद हो सकता है. इसलिए ऑक्सीजन देना बहुत ज्यादा जरूरी है. परन्तु डॉक्टर को कोई भी ऑक्सीजन उस समय नहीं मिली इसलिए उनकी हालत गंभीर हो गयी है.