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सम्मान शहीदों का: शहीदों के नाम से जानें जाएंगे हरियाणा के इस जिले के सरकारी स्कूल व कालेज

जींद : देश की सीमा पर आतंकवादियों से लोहा लेकर शहीद होने वाले सैनिकों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मान दिया जा रहा है। जिला प्रशासन अब तक जिले में 77 सरकारी स्कूल, कालेजों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जा चुके हैं और दूसरे स्कूलों के नाम भी शहीदों के नाम पर ही करने की प्रक्रिया जारी है। शिक्षण संस्थानों के नाम रखे जाने से शहीदों के परिवार को भी गर्व हो रहा और युवाओं को भी की बलिदान से प्रेरणा ले रहे हैं।

डीसी नरेश नरवाल की पहल

पांच माह पहले डीसी नरेश नरवाल जींद जिले के डीसी बने तो उन्होंने आते ही सबसे पहले जिला सैनिक बोर्ड से शहीदों के नामों की लिस्ट मांगी। इस सूची के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग और पंचायत एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नाम पर सरकारी स्कूलों के नाम रखने के काम पर लगाया। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को शहीदों के गांवों में सरकारी स्कूलों के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए कहा। इस तरह की जानकारी जुटाने के बाद शहीदों के नाम पर उनके गांवों के सरकारी स्कूलों के नामकरण की कवायद शुरू करवाई।

जींद से 77 सेना के अधिकारी और जवान हो चुके शहीद

जिले में अब तक 77 सेना के अधिकारी व जवानों ने प्राणों का बलिदान दिया है। इन सभी के नाम पर एक-एक सरकारी स्कूल का नामकरण किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश पर शहीद होने वाले मेजर विनय चौधरी के नाम पर उनके पैतृक गांव मंगलपुर में राजकीय स्कूल का नामांकरण किया गया है। इससे पहले मेजर विनय चौधरी के पिता लगातार राजकीय कालेज का नाम अपने बेटे के नाम पर करवाने के भरपूर प्रयास किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी।

अब तक इनके नाम बदले गए

डीसी नरेश नरवाल ने शहीद मेजर विनय चौधरी के नाम पर उनके पैतृक गांव मंगलपुर के सरकारी स्कूल का नाम रखवा दिया है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश पर शहीद हुए बधाना गांव के कैप्टन पवन कुमार के नाम पर जींद के राजकीय उच्च विद्यालय जंक्शन का नाम रखा गया है। जींद के एक और शहीद मेजर राजीव दहिया के नाम पर जींद के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नामकरण किया गया है।

इसी तरह गांव झांझ कलां और गांव झांझ खुर्द के सरकारी स्कूल का नाम शहीद राम स्वरूप के नाम पर रखा गया है। ईक्कस गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद सिपाही सूरत सिंह के नाम पर रखा गया है। करेला झमोला के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद छोटूराम नाम पर किया गया है। गांव लोन के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद रणसिंह के नाम पर हुआ है।

खटकड़ गांव के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद रामकला के नाम पर हुआ है। गांव मुआना के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नामकरण गांव के शहीद मंशाराम के नाम पर किया गया है। अलेवा के सरकारी स्कूल का नाम शहीद अर्जुन सिंह के नाम पर रखा गया है।

उचाना के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नामकरण शहीद अभयराम के नाम पर हुआ है। बरसोला गांव के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद नफे सिंह के नाम पर रखा गया है। सिवाहा गांव के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद हवलदार दीवान सिंह और खरकराजी गांव के सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद किताब सिंह के नाम पर किया गया है।

डीसी नरेश नरवाल ने कहा कि शहीदों को सम्मान देने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूलों का नाम शहीद के नाम होने पर बच्चों को शहीद की जानकारी मिलेगी और बच्चों में देशभावना मजबूत होगी। इसके अलावा बच्चों को देश और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने की प्रेरणा भी शहीदों के नाम पर उनके स्कूल के नाम होने से मिलेगी।

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