CBSE Update: सीबीएसई ने Term-2 परीक्षा के प्रारूप में किया ये बदलाव, सैंपल पेपर्स जारी

बहादुरगढ़ : CBSE Update: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( central board of secondary education ) द्वारा टर्म-टू परीक्षा ( term 2 exam ) के प्रारूप में बदलाव किया है। हालांकि सीबीएसई ( cbse) ने परीक्षाओं की तिथि अभी घोषित नहीं की हैं, लेकिन विद्यार्थियों से लेकर बोर्ड तक इसकी तैयारियों में जुटा है। उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड इस सप्ताह टर्म-टू परीक्षा के लिए डेटशीट भी जारी कर देगा। इसके साथ ही टर्म-वन परीक्षा का परिणाम भी इस सप्ताह जारी किए जाने की संभावना है।

सीबीएसई द्वारा विद्यार्थियों के लिए विषयवार सैंपल पेपर भी जारी किए गए हैं। दरअसल, इस बार छात्रों को वर्णनात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। जबकि टर्म-वन में छात्रों से बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे। शिक्षाविद् मुक्ता गहलावत ने बताया कि टर्म-टू की परीक्षा में वर्णनात्मक प्रश्नों के कारण छात्रों को गहनता से विषयों का अध्ययन करने की सलाह दी जा रही है। क्योंकि छात्रों को हर एक उत्तर को अधिकाधिक शब्दों में तथ्यों के साथ लिखना होगा। उनके अनुसार हर विषय का पेपर एक जैसा नहीं होगा।

इसमें कुछ पेपर तीन खंड और कुछ पेपर दो खंडों में विभाजित होंगे। प्रयोगात्मक विषय के अंतर्गत 12वीं के जीव विज्ञान का पेपर तीन खंडों में होगा। इसमें पहले खंड में दो-दो अंक के छह प्रश्न होंगे। दूसरे खंड में तीन-तीन अंकों के छह प्रश्न और एक प्रश्न केस स्टडी पर आधारित होगा। वहीं गैर प्रयोगात्मक परीक्षा के अंतर्गत इकोनामिक्स का पेपर भी तीन खंडों में बंटा होगा। इसमें पहले खंड में दो-दो अंक के पांच प्रश्न, दूसरे खंड में पांच-पांच अंक के तीन और तीसरे खंड में तीन-तीन अंक के पांच प्रश्न होंगे। हिदी का पेपर दो खंड व अंग्रेजी और विज्ञान का पेपर तीन खंडो में विभाजित होगा।

बता दें कि सीबीएसई ने इस साल से कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के शैक्षणिक वर्ष को दो शब्दों में विभाजित कर दिया है। पहला टर्म नवंबर-दिसंबर में आयोजित किया गया था और इसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न शामिल थे। दूसरा कार्यकाल मार्च के लिए अपेक्षित है, लेकिन अंतिम तिथि की घोषणा की जानी बाकी है। इसमें लघु और व्यक्तिपरक दोनों प्रकार के लंबे प्रश्न होंगे। शिक्षाविद् दिव्या राठी के अनुसार दो प्रारूपों को शुरू करना और एक ही सत्र में पाठ्यक्रम को विभाजित करना छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए मुश्किल था।

प्रारूप के अनुकूल होने के लिए शिक्षकों को अपनी शिक्षण पद्धति को बदलना पड़ा है। बहुविकल्पीय प्रश्नों और वर्णनात्मक प्रश्नों का एक स्वस्थ समामेलन जरूरी है। कुछ विषयों और अवधारणाओं का मूल्यांकन तभी किया जा सकता है, जब शिक्षक पढ़ सके कि छात्र अपनी समझ का वर्णन कैसे करता है। बहुविकल्पीय प्रारूप ने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मदद की। जबकि वर्णनात्मक पैटर्न व्यापक है और एक छात्र की अवधारणा स्पष्टता का आकलन करने में मदद करता है। दोनों प्रारूप छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मददगार होंगे।

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