हिसार के गांव में सीबीआई की रेड; बच्चों के गलत वीडियो बनाने का मामला, दो लैपटॉप और एक कंप्यूटर जब्त
चाइल्ड पोनोग्राफी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
इंटरनेट के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी का कारोबार काफी तेजी से फैल रहा है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। विदेशों में बैठे इस कारोबार के सरगना व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जोड़कर उन्हें बच्चों के अश्लील वीडियो दिखा रहे हैं। कुछ सेकेंड के वीडियो देखने के एवज में लोगों से पैसे भी लिए जाते हैं।
इसके अलावा स्थानीय लोगों को भी इस धंधे से जोड़कर उनसे बच्चों से जुड़ी अश्लील वीडियो व फोटो पोस्ट करवाए जाते हैं और बदले में उनको पैसा दिया जाता है। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पोक्सो अधिनियम) में भी बाल अश्लीलता के संबंध में सजा का प्रावधान है।
पोक्सो अधिनियम की धारा 14 के अनुसार बच्चों के यौन अंगों का चित्रण, वास्तविक या नकली यौन गतिविधियों में बच्चे की भागीदारी और बच्चे के अभद्र या अनुचित चित्रण सहित किसी भी प्रकार का प्रयोग अपराध है