राजनीति

कैबिनेट विस्तार आज: बबली गुरुग्राम से चंडीगढ़ पहुंचे; भाजपा विधायकों में जारी रस्साकशी

चंडीगढ़ : हरियाणा में भाजपा-जजपा (bjp jjp) सरकार के सवा दो साल के कार्यकाल के बाद मंत्रिमंडल के पहले विस्तार (cabinet expansion) का इंतजार खत्म हो गया है। मंगलवार शाम 4 बजे राजभवन में दो नए मंत्री शपथ लेंगे। वर्तमान मंत्रियों में से किसी को हटाया (हालांकि इसकी संभावना नगण्य है) जाता है तो शपथ लेने वालों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल भाजपा और इसकी सहयोगी पार्टी जजपा से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जा रहा है।

जजपा विधायक दल की बैठक में फैसला

जजपा में देवेंद्र बबली सोमवार शाम को मंत्री बनने चंडीगढ़ पहुंच गए। हालांकि अंतिम मोहर मंगलवार सुबह 10 बजे जजपा विधायक दल की बैठक में ही लगेगी। बबली सोमवार को टोहाना में थे। मंत्रीमंडल विस्तार का समय तय हुआ तो वे सीधे गुरुग्राम के लिए निकल गए। वहां से शाम को चंडीगढ़ पहुंचे। अंतिम समय में कोई बड़ा फेरबदल न हो जाए, इसके लिए वे सचेत बताए जा रहे हैं। हालांकि पूर्व में अनूप धानक के बदलने की भी चर्चाएं चली, लेकिन अब शांत है। भाजपा अपने मंत्रियों को बदलती है तो जजपा विधायक दल की बैठक में अनूप धानक पर भी चर्चा संभव है।

भाजपा विधायकों में रस्साकशी

वहीं भाजपा कोटे से वैश्य समाज के विधायक काे मंत्री की कुर्सी मिलनी है और इसको लेकर दो विधायकों में रस्साकशी चल रही है। डा. कमल गुप्ता की दावेदारी ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। उनके मुकाबले स्पीकर ज्ञानचंद खड़े बताए गए हैं, लेकिन भाजपा कोटा से राज्यमंत्री बनना है, इसलिए ज्ञानचंद गुप्ता के कैबिनेट मंत्री वाला दर्जा छोड़ने के चांस कम हैं। वैसे राजनीति संभावनाओं का खेल है, यहां कब क्या हो जाएग, कहना मुश्किल है।

अभी दो ही कुर्सी खाली

हरियाणा में 90 विधायकों वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अभी भाजपा के 8 और जजपा से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ अनूप धानक मंत्री है। बिजली मंत्री रणजीत चौटाला निर्दलीय हैं। इस स्थिति में केवल दो और विधायकों को ही झंडी वाली गाड़ी मिल सकती है। हालांकि दोनों पार्टियों से नाम लगभग तय हो चुके हैं, लेकिन फिर भी अंतिम मौके पर विधायक गोटी फिट करने में जुटे हैं। सबसे ज्यादा जोर भाजपा के डा.कमल गुप्ता का लगा है। भाजपा में 3 अन्य नामों पर भी चर्चा है।

यह है विधानसभा की पार्टी वाइज स्थिति

हरियाणा विधानसभा की 90 में से 40 सीटें जीत कर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। क्लीयर बहुमत (46 सीट) न मिलने के कारण गठबंधन में सरकार बनाई है। भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा की 10 सीटें हैं। 31 विधायकों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इनके अलावा इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) का एक-एक और 07 निर्दलीय विधायक हैं।

अभी इनको पावर

भाजपा के मनोहर लाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं तो जजपा के दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं। इनके अलावा 10 मंत्री हैं। जजपा से अनूप धानक मंत्री बने हैं। भाजपा से अनिल विज, कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, संदीप सिंह, ओमप्रकाश यादव, जेपी दलाल, डा.बनवारी लाल, कमलेश ढांडा को मंत्री की कुर्सी मिली हुई है। निर्दलीय रणजीत सिंह चौटाला भी मंत्री हैं।

जजपा में कई को मंत्री की ललक

जन नायक जनता पार्टी (जजपा) को भाजपा से गठबंधन के चलते मंत्रिमंडल की तीन सीटें मिली हैं। दुष्यंत और अनूप धानक की ताजपोशी के चलते इनकी एक कुर्सी अभी खाली है। टोहाना विधायक देवेंद्र बबली के अलावा जजपा से मंत्री बनने की ललक रामकुमार गौतम और जोगीराम सिहाग में भी रही है। गौतम खुल कर बोल चुके हैं तो जोगी राम सिहाग चेयरमैन की कुर्सी भी ठुकरा चुके हैं। जजपा विधायक दल की बैठक में ऊंट किस करवट बैठता है, देखने वाली बात होगी। हालांकि रामकुमार गौतम अपने बेटे के एएजी बनने के बाद से मौन हैं।

जजपा से बबली ही क्यों

बबली के मंत्री बनने के पीछे कहा जा रहा है कि वे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के बाद सबसे ज्यादा वोटों से जीते हैं। भाजपा के प्रदेशााध्यक्ष सुभाष बराला को हरा कर विधानसभा आए हैं। कांग्रेस छोड़कर जजपा में शामिल होने की उनकी शर्तें भी रही हैं। साथ ही बगावती तेवर दिखा चुके हैं। जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह को उनके लिए टिकट की दावेदारी छोड़नी पड़ी।​​​​​​​ जजपा में अब बगावत का खतरा है तो केवल देवेंद्र बबली की तरफ से ही है। ऐसे में उनको खुश रखने के लिए मंत्री बनाना जरूरी है।

वैश्य समाज की मंत्री पद पर दावेदारी

भाजपा के कोटे से मंत्री का पद वैश्य समाज को दिया जा रहा है। इस समाज के आठ विधायक हैं, लेकिन मंत्री कोई नहीं है। समाज के ज्ञानचंद गुप्ता विधानसभा स्पीकर जरूर हैं। ऐसे में मंत्री पद पर समाज की दावेदारी पक्की है। यह वर्ग भाजपा का परंपरागत वोट बैंक भी माना जाता रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार में हिसार के विधायक डा. कमल गुप्ता और पंचकूला विधायक एवं स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के नामों की चर्चा है।

ज्ञानचंद को मंत्री मनाया जा सकता है। हालांकि इसकी संभावना कम है। क्योंकि भाजपा के कोटे में राज्यमंत्री की कुर्सी है। उनका स्पीकर का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर है। भाजपा अपने मंत्रियों में फेरबदल करे तो उनका मंत्री बनना तय है, हालांकि फेरबदल की संभावना कम ही है।

ऐसे में डा. कमल गुप्ता ही मंत्री पद के पक्के दावेदार हैं। वे दूसरी बार विधायक बने हैं। सरकार के गठन के समय भी उनका मंत्री बनना पक्का मान कर मिठाई तक बांट दी गई थी। लेकिन अंतिम समय में नाम कट गया। अब वे फूक फूक कर कदम रख रहे हैं। सोमवार को इस बारे में उनसे पूछा गया तो इतनी ही प्रतिक्रिया दी कि-खबरें आती रहती हैं, जाती रहती हैं। पहले कोई प्रतिक्रिया नहीं।

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