खबर हरियाणा की

हरियाणा बोर्ड के अधिकारियों का बड़ा घोटाला, बच्चों की फीस से चला रहे थे कोठियों के एसी,RTI से हुआ खुलासा

भिवानी :  करोड़ों रुपए के गबन के पहले से ही आरोप झेल रहे हरियाणा बोर्ड के गबन का एक और मामला सामने आया है. आरटीआई से जानकारी सामने आई हैं कि स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों विधार्थियों के अभिभावकों के खून-पसीने की गाढी कमाई से मिलने वाली फीस पर हरियाणा बोर्ड के अधिकारी ठाठ से अपनी रिहायशी कोठियों में बिजली जला रहे हैं और एसी का लुत्फ उठा रहे हैं.

आरटीआई से हुएं खुलासे में सामने आया है कि भिवानी के हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्यालय कैंपस में बनें शिक्षा अधिकारियों के सरकारी आवासों में अलग से कोई बिजली कनेक्शन नहीं हैं और इन आवासों के बिजली बिल के भुगतान का बोझ भी बच्चों की फीस से मिल रहे बजट से हों रहा है.

बता दें कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्यालय से 6 अगस्त को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी थी.बृजपाल परमार ने पूछा था कि बोर्ड परिसर के कार्यालयों और अधिकारियों के आवासों पर कितने एयर कंडीशनर लगें हुएं हैं और इनके बिजली बिलों का भुगतान किस मद में हों रहा है. बोर्ड मुख्यालय से जवाब आया कि हरियाणा बोर्ड कार्यालयों में 45 एसी लगें हुएं हैं जबकि बोर्ड अधिकारियों की कोठियों पर 16 एसी लगें हैं.

शिक्षा बोर्ड में सात बिजली कनेक्शन भी लिए हुए है. जबकि अधिकारियों के आवासीय इमारतों के लिए अलग से कोई बिजली कनेक्शन नहीं है. खुलासा हुआ है कि इन कोठियों में इस्तेमाल होने वाली बिजली बिल का बोझ बच्चों की फीस से मिलने वाले बजट पर डाला जा रहा हैं जो सरासर नियमों के खिलाफ है.

बृजपाल परमार ने बताया कि शिक्षा बोर्ड से सूचना में यह जानकारी भी मांगी गई थी कि कब-2 एसी की खरीद की गई है और साथ ही इनके बिलों की प्रमाणित कॉपी के अलावा इनके लगाएं जाने की लोकेशन भी मांगी थी जिसका कोई उतर नहीं दिया गया है. साथ ही बिजली बिल के भुगतान की जानकारी भी नहीं उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि बोर्ड सचिव, बोर्ड चेयरमैन के अलावा कई अधिकारियों के आवास में खर्च हो रही बिजली का बिल बच्चों के अभिभावकों पर डाला जा रहा है. साथ ही बताया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत गलत तथ्य उपलब्ध कराना दंडनीय अपराध है. ऐसे लोक सेवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 167 के तहत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए . इसमें तीन साल तक की कैद और आर्थिक दंड का प्रावधान है.

Related Articles

Back to top button
निधन से पहले आखिरी रात को कहां थीं आकांक्षा? मेकअप आर्टिस्ट ने किया खुलासा भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की आखिरी पोस्ट, वीडियो में मिले संकेत What is the use of Bard AI in Google? Google Launches BARD AI Chatbot To Compete With ChatGPT Liverpool obliterate shambolic Man Utd by record margin How Liverpool dismantled Manchester United 7-0 Jon Jones returns to win UFC heavyweight title in 1st round Kelsea Ballerini Takes ‘SNL’ Stage for the First Time Kelsea Ballerini shines on ‘SNL’ stage Matt Hancock plotted to oust the chief executive of NHS England