वारदात

बबलू पहलवान हत्याकांड: प्रॉपर्टी, जेंडर चेंज, समलैंगिगता की कहानी झूठी-हत्यारोपी बेटे ने पुलिस पर लगाए आरोप

रोहतक : हरियाणा के रोहतक जिले की झज्जर चुंगी स्थित विजय नगर में 27 अगस्त को हुए बबलू पहलवान परिवार हत्याकांड में आरोपी परिवार का एकलौता बेटा अभिषेक उर्फ मोनू सुनारिया जेल में बंद है। अभिषेक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज मलिक पैरवी कर रहे हैं।

पत्रकार वार्ता कर जानकारी देते वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज मलिक। - Dainik Bhaskarजिन्होंने आज इस प्रकरण में जानकारी देने के लिए पत्रकार वार्ता की। इसमें उन्होंने अभिषेक का पक्ष रखते हुए पुलिस कार्रवाई पर कई बड़े सवाल खड़े किए हैं। अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी अभिषेक के अनुसार, पुलिस ने प्रॉपर्टी विवाद, जेंडर चेंज, समलैंगिगता और पांच लाख रुपए की जरूरत के लिए इस वारदात को अंजाम देने के झूठे आरोप लगाए हैं। झूठी कहानी गढ़ी गई है।
अभिषेक ने पुलिस की तीन बड़ी जांच को दिया थ्योरी का नाम

अधिवक्ता के अनुसार, अभिषेक ने उनसे कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। मेरे ऊपर जो आरोप लगने थे, वह लग चुके हैं। मैं जेल भी जा चुका। फैसला जब भी आएगा, वह सभी के सामने आएगा। मगर मेरी यह इच्छा है कि इस केस में अभी तक वही सब पहलु सामने आए हैं, जो पुलिस ने बताए हैं।

मेरा पक्ष कभी भी नहीं आया है। पुलिस की इस मामले में पहली थ्योरी थी कि पिता ने जायदाद बहन के नाम कर दी। इसी बात से वह नाराज था। लेकिन सच्चाई यह है कि नेहा नाबालिग थी। प्रॉपर्टी की डील बिना कोर्ट की परमिशन के नहीं हो सकती थी।

पुलिस की दूसरी थ्योरी थी कि मुझे पांच लाख रुपए की जरूरत थी, जो परिवार वाले दे नहीं रहे थे, इसलिए इस वारदात को अंजाम दिया गया। जबकि सच्चाई का पता लगाने के लिए मेरी फेसबुक, इंस्टग्राम सब ओपन है, जिसमें देखा जाए कि मेरे परिवार ने मुझे सभी सुख सुविधा दी हुई थी।

किसी तरह की कोई कमी नहीं थी। मेरे पास महंगी कार, आभूषण, मोबाइल फोन समेत अन्य सभी सुविधाएं थीं। पुलिस की तीसरी थ्योरी थी कि पांच लाख रुपए जेंडर चेंज करवाने या दोस्त को देने के लिए चाहिए थे, जो बिल्कुल गलत है।

कोर्ट ने पांच में से चार मांगों को माना
अधिवक्ता शिवराज मलिक ने बताया कि मैं इस केस में 1 नवंबर को पूरी तरह प्रभावी रूप से वकील बना। सबसे पहले अभिषेक उर्फ मोनू की जेल में न मिलने वाली सुविधाओं के लिए कोर्ट को चिट्‌ठी लिखी। जिसमें मुख्यत: मांग थी कि अभिषेक की तबियत खराब थी, इलाज सही से हो।

उसकी कोर्ट से जेल और जेल से कोर्ट ले जाते समय सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। उसे जेल में कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाई जाई। उसे लाइब्रेरी की भी सुविधा भी दी जाए। साथ ही उसे जेल में अन्य कैदियों की तरह ही टेलीफोन से बातचीत करने की सुविधा भी दी जाए। इनमें से सुरक्षा की मांग के अलावा बाकी सभी मांगों को मान लिया गया। सुरक्षा वाली मांग पर आगामी सुनवाई पर फैसला आएगा।

पिता की अर्थी को कंधा देता हत्यारोपी अभिषेक (फाइल फोटो)(पिता की अर्थी को कंधा देता हत्यारोपी अभिषेक)

यह है मामला
सोनीपत जिले के गांव मदीना निवासी बबलू पहलवान रोहतक के विजय नगर में 20 साल से रह रहे थे। वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। 27 अगस्त को उनके साले प्रवीण ने शिकायत दी थी कि किसी ने उनके जीजा बबलू पहलवान, बहन बबली व मां रोशनी की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि भांजी नेहा उर्फ तमन्ना पीजीआई में दाखिल है। उसे भी सिर में गोली मारी गई है।

बाद में नेहा ने भी दम तोड़ दिया था। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। जांच के बाद पुलिस ने मृतक बबलू के बेटे 20 वर्षीय अभिषेक उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया था। उसे अदालत में पेश करके 5 दिन के रिमांड पर लिया था। पुलिस का कहना है कि अभिषेक अपने दोस्त कार्तिक के साथ रहना चाहता था। लिंग परिवर्तन कराने के लिए पिता से पैसे मांगे। पैसे देने से मना करने पर परिजनों की हत्या कर दी।

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