पलवल में बुखार से 20 दिन में 7 बच्चों की मौत : स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं ठोस कारण, दहशत में जी रहे ग्रामीण

पलवल : हरियाणा (Haryana) के पलवल (Palwal) जिले के गांव चिल्ली में तीन सप्ताह के दौरान 14 वर्ष से कम आयु के 7 बच्चों की मौत (Death) हो गई। परिजन इन मौतों के पीछे बुखार (Fever) को कारण बता रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को अभी कोई ठोस कारण नहीं मिला है। ग्रामीणों में बुखार (Fever) से होने वाली मौतों को लेकर डर बना हुआ है। क्योंकि पहले बुखार आता है, फिर प्लेटलेट (Platelet) कम होने से मौत हो जाती है। उधर अधिकारियों (Officers) का कहना है कि उन्होंने घर-घर जाकर सर्वेक्षण (Serve) किया तो पिछले 20 दिनों में 7 मौत होने का मामला सामने आया है।
अस्पताल की एंबुलेंस से बच्चों के लिए दवा लेती गांव की महिलाएं। - Dainik Bhaskar

गांव के लोगों और सरपंच का कहना है कि कम से कम 9 बच्चों की मौत हो गई है। अब गांव में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के 25 अधिकारियों व कर्मचारियों (Employees) की टीमें मौतों के कारणों का सर्वेक्षण, निदान और जांच करने में जुटी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी (Public Health Officers) गांव के 275 घरों में 2,947 लोगों के बीच एक सर्वेक्षण कर रहे हैं और मलेरिया, डेंगू, कोविड (Covid) और अन्य बीमारियों के लिए परीक्षण कर रहे हैं।

बच्चों की मौत पर परिजनों ने क्या कहा, जानिए…

– जाफरुद्दीन ने बताया कि मंगलवार को उसकी एक महीने की बच्ची की मौत हो गई। वह रात को वॉशरूम (Washroom) जाने के लिए उठा तो उसने देखा कि बच्ची बेसुध पड़ी थी, लेकिन उसे बुखार नहीं था।

– मजदूर सलमुद्दीन ने कहा कि उसके 7 वर्षीय बेटे साकिब को 27 अगस्त को बुखार और सीने में दर्द की शिकायत थी। हम उसे स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए, जिन्होंने दवा दी। जब बुखार कम नहीं हुआ तो वे उसे निजी अस्पताल (Private Hospital) में ले गए, जिसने डेंगू का सैंपल (Sample) लिया। उसका प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) 30,000 तक गिर गया था। इसके बाद उसने दम तोड़ दिया।

– संजीदा ने बताया कि उसके 6, 7 और 14 वर्ष की आयु के तीन बच्चों को सितंबर (September) के पहले सप्ताह में बुखार हो गया। उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। उनकी सबसे छोटी बेटी 6 वर्षीय सेहेनजुम का 8 सितंबर को निधन हो गया।

– एक बच्चे के परिजन ने बताया कि 4 सितंबर को उसे तेज बुखार, खांसी हाेने पर पलवल के एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में भर्ती कराया। अस्पताल ने हमें प्लेटलेट्स की व्यवस्था (Platelet Arrange) करने के लिए कहा गया। दो दिन बाद डॉक्टरों (Doctors) ने कहा कि उसकी हालत बिगड़ गई है और उसकी मौत हो गई। बच्चों के इलाज (Treatment) के लिए पैसे उधार लेने पड़े। निजी अस्पताल एक बिस्तर और डेंगू से संबंधित दवाओं (Medicines) के लिए 15,000 चार्ज कर रहा है।

– फरजीना ने बताया कि उसके 7 वर्षीय बेटे को 29 अगस्त को तेज बुखार था। हम उसे इलाज के लिए पुन्हाना की एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में ले गए। उसका प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) करीब 45 हजार था। अगले दिन उसे नलहर के सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में भर्ती कराया गया और दो दिन बाद 1 सितंबर को उनके बेटे की मौत हो गई।

– मुनशरीफ ने कहा कि उसके दोनों भतीजों को डेंगू था।

– जमशेद ने कहा कि उनकी 6 महीने की भतीजी अक्सा को 2 सितंबर को तेज बुखार होने के एक दिन बाद उसकी मृत्यु (Death) हो गई थी। मानसून के बाद हमेशा बुखार के मामले होते हैं, लेकिन वे घातक (Dangerous) नहीं होते हैं।

सरकारी अस्पताल नहीं दे रहा रिपोर्ट

मिर्च गांव के सरपंच नरेश कुमार ने बताया कि पिछले 20 दिनों में गांव में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बच्चो के परिजनों ने बताया कि डेंगू के सैंपल दिए गए थे और प्लेटलेट्स की संख्या कम थी। सरकारी अस्पताल (Government Hospital) कह रहा है कि अभी रिपोर्ट का इंतजार करो। ग्रामीणों द्वारा पिछले सप्ताह उपमंडल मजिस्ट्रेट को मौतों की सूचना दिए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) हरकत में आया। जिसके बाद अधिकारियों ने गांव का दौरान किया और कुछ सैंपल भी लिए।

बारिश के बाद फैल जाती हैं बीमारियां

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राजीव बतीश ने बताया कि गंदगी और दूषित पानी की आपूर्ति बीमारियों के फैलने का कारण हो सकती है। नालों के पानी से प्रदूषण हो रहा है। उचित जल निकासी नहीं है, इसलिए जहां भी पानी इकट्ठा होता है, वहां मच्छरों के पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने निवासियों से टीकाकरण कराने की अपील की थी।

विभाग की रिपोर्ट नकारात्मक, अब सफाई की मांग

पलवल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ब्रह्मदीप संधू ने कहा कि मलेरिया के लिए 250 रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट और 194 स्लाइड टेस्ट किए हैं, जो नकारात्मक रहे हैं। कोविड के लिए RT-PCR परीक्षणों के 64 नमूने भी नकारात्मक निकले हैं। डेंगू के लिए हमने 12 सैंपल भेजे थे, जिन्हें हमने हाई रिस्क वाला माना था, लेकिन वे सभी निगेटिव हैं।

उन्होंने जिला आयुक्त को लिखा है कि प्राथमिकता (Preference) के आधार पर गांव की सफाई कराएं और पूरे गांव में कोविड-19 की RT-PCR जांच कराने का भी आदेश दिया है। अब तक हुई मौतों में से दो की मौत (Death) संदिग्ध निमोनिया से हुई थी। एक गंभीर एनीमिया का मामला था। 3 अन्य मौत बुखार के कारण हुई। कल की मौत के मामले में कोई बीमारी नहीं थी।

 

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