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हरियाणा के इन जिलों में फरवरी के बाद नहीं चलेंगे 15 साल पुराने वाहन, वाहन मालिक अपना सकते हैं ये विकल्प

चंडीगढ़ : हरियाणा के एनसीआर (nce) में आने वाले 14 जिलों में करीब 6 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन (vehicle registration) खतरे में है। इन वाहनों के मालिकों (vehicle owner) के पास 3 महीने का ही समय है। या तो पुराने वाहनों (old vehicles) को एनसीआर के बाहर बेच दें या शिफ्ट करा लें। एनसीआर (ncr) में चलते मिलने पर जांच टीमें जब्त कर लेंगी। पुराने वाहनों से बढ़ते पॉल्यूशन (Pollution) को देखते हुए यह सख्ती की जा रही है।

हरियाणा परिवहन आयुक्त (Haryana Transport Commissioner) ने पत्र जारी किया है, जिसके तहत कहा है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों (petrol vehicles) को एनसीआर से वि-पंजीकृत (de-registered) भी कर दिया गया है। इससे पहले कि ई-परिवहन पोर्टल (e-transport portal) पर इस प्रकार के वाहनों के स्वत: डि-रजिस्ट्रेशन (वि-पंजीकरण) हो जाए, इससे पहले ही इनके मालिक चौकन्ने हो जाएं।

परिवहन विभाग (transport Department) ने कहा है कि जिन लोगों के पास एनसीआर में ऐसे वाहन हैं, उन्हें 3 मार्च, 2022 से पहले बेचकर अथवा बाहरी जिलों में ट्रांसफर (transfer) करवा कर शिफ्ट कर लें। उनके पास ऐसा करने के लिए 3 दिसंबर से 3 मार्च तक का मौका है। इसके बाद वाहन स्वत: वि-पंजीकरण हो जाएंगे। वाहन मालिक इन वाहनों को हस्तांतरित (transfer) करने/बेचने के योग्य नहीं होंगे और ये स्क्रैप (scrap) हो जाएंगे।

आदेशों में कहा गया है कि 3 मार्च के बाद किसी भी स्थिति में इस प्रकार के पुराने वाहनों (old vehicles) को एनसीआर में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि इन्हें चलाते पकड़े जाते हैं तो इन वाहनों को चेकिंग (vehicle checking) टीमें सीधे जब्त कर लिया जाएगा। असल में 2 साल में जहां बड़ी संख्या में वाहन शिफ्ट हुए हैं, वहीं, इतनी ही संख्या में दूसरे वाहन उम्र बढऩे से इस श्रेणी में आ गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या दो पहिया वाहनों की है। चार पहिया और सामान ढोने वाले बड़े वाहनों पर भी आदेशों का असर पडऩे वाला है।

पुराने वाहनों के डि-रजिस्ट्रेशन का खतरा 14 जिलों में है। इनमें सोनीपत, पानीपत, करनाल, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल हैं। एनसीआर क्षेत्र में जिन वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है, उनको हरियाणा में 8 जिलों में ही चला सकते हैं। पंचकूला, यमुननागर, कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा, अंबाला, फतेहाबाद और कैथल वे जिले हैं, जहां पुराने वाहनों के चलाने पर सुप्रीम कोर्ट या एनजीटी के आदेश लागू नहीं होते।

एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों (petrol vehicles) के चलन पर रोक का यह कोई पहला आदेश नहीं है। लेकिन जिस प्रकार की चेतावनी परिवहन आयुक्त (transport commissioner) की ओर से दी गई है, इसको अंतिम जरूर माना जा सकता है। वर्ष 2015 से हर साल लगातार सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर सरकार की ओर से निर्देश जारी होते रहे हैं।

दरअसल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली (National Capital New Delhi) और उससे लगते हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में स्मॉग और एयर पॉल्यूशन की वजह से हालात बेहद खराब हो चुके हैं। माना जा रहा है डीजल और पेट्रोल के पुराने वाहनों से फैल रहे जहरीले धुएं से हालात बिगड़ रहे हैं। वर्ष 2015 से ही पुराने वाहनों का चलन सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निशाने पर है। सर्दियों में तो हवा खराब होने से सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है।

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