पांचवीं में पढ़ने वाली इस छोटी सी बच्ची ने 12 आम 1.20 लाख में बेच डाले, हैरान रह जाओगे कहानी जान कर

झारखण्ड : जहाँ एक ओर इस महामारी में लोगो ने अपने करीबी लोगो क़ो खोया है, वहीं दूसरी ओर, बहुत से लोगों की नौकरी चली गयी और वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस मुश्किल की घड़ी में जरूरतमंदो की मदद करके समाज में एक नया उदहारण पेश किया है.

ऑनलाइन क्लास के लिए नहीं था स्मार्टफोन 

बात की जा रही है झारखंड के जमशेदपुर में रहने वाली तुलसी की, जो बागुन्हाटू के सरकारी स्कूल में 5वी की छात्रा है. तुलसी को पढ़ने का बहुत शौक है वह पर लिखकर एक अच्छे टीचर बनना चाहती है. लेकिन कोरोना महामारी ने उसके सपनों पर ग्रहण लगा दिया. कोरोना महामारी के कारण उसके पिता की नौकरी चली गई. अब उसके पास पैसे नहीं थे, कि वह ऑनलाइन पढ़ाई कर सके. ना ही उसके पास कोई स्मार्टफोन था. इसीलिए उसकी पढ़ाई वहीं पर रुक गई. 

घर में उगे आमों को शुरू किया सड़क पर बेचना 

हार ना मानने के जुनून के साथ उसने बगीचे से निकले आमों को सड़क किनारे बेचने का फैसला लिया, ताकि उससे कुछ पैसे जमा हो पाए. जिससे वह ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन ले सके. सड़क पर लड़की की फोटो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. मुंबई के बिजनेसमैन अमेया हेते के पास भी यह खबर पहुंची. उन्होंने तुलसी की मदद करने की सोची. उन्होंने तुलसी के 12 आम एक लाख 20 हज़ार रुपए में खरीद लिए, ताकि तुलसी की मदद की जा सके. इन रुपयों में से तुलसी ने 13 हज़ार रुपए में मोबाइल खरीदा और बाकी 80 हज़ार रुपए तुलसी के पिता ने तुलसी की भविष्य की पढ़ाई के लिए  फिक्स्ड डिपॉजिट करवा दिए. 
तुलसी के मददगार बने अमेया हेते ने कहा कि तुलसी की आगे की पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी. उन्होंने तुलसी के पिता को आश्वासन दिया है कि वह तुलसी की पढ़ाई के लिए मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि तुलसी को अब किताब भेज दी गई है और साथ ही उसके मोबाइल का 1 साल का रिचार्ज भी करवा दिया गया है, जिससे अब वह बिना किसी दिक्कत के अपनी ऑनलाइन क्लास शुरु कर पाएगी. वाकई में इस ज़माने में ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं.
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