दहेज की बलि चढ़ी भिवानी की एक बेटी, पीछे छोड़ गई 5 साल और डेढ़ साल के मासूम

भिवानी : भारत में दहेज़ प्रथा हमारे समाज की एक अति भयावह प्रथा प्रथा है जहाँ शादी के समय लड़की के माँ-बाप को लड़के पक्ष वालों को तोहफो के नाम पर दहेज़ देना पड़ता है. लेकिन यह प्रथा इतनी बेकार है कि इसे ना जाने अब तक कितनी महिलाओं की जान चली गई होंगी. दहेज़ प्रताड़ना से परेशान होकर अक्सर महिलाएं खुदखुशी कर लेती है. ऐसी ही एक घटना एक बार फिर भिवानी के बवानीखेड़ा के गांव बलियाली में हुई, जहाँ अपने ससुराल वालों द्वारा दहेज़ के लिए प्रताड़ित किये जाने के कारण एक महिला ने मौत को गले लगा लिया.

एक बार पहले भी हो चुकी है सुलह 

दरअसल 30 वर्षीय ममता की शादी 2015 में बलियाली निवासी सतीश से हुई थी. ममता का मायका गांव काहनौर है. उसके भाई मोहित ने बताया कि शादी के समय जितना हमसे हो सकता था उतना हमने दान-दहेज़ दिया. लेकिन शादी के बाद ममता के ससुराल वाले उसे दहेज़ के लिए प्रताड़ित करने लगे और उसे मारने पीटने लगे. एक बार पहले भी हमें इस तरह की खबर मिली थी तो हमने पंचायत कर मामले की सुलह करवा दी थी. लेकिन तब भी ससुराल वाले नहीं सुधरे और उसे मारने पीटने लगे. मारने के 2-3 दिन पहले भी उन्होंने ममता के साथ मारपीट की थी जिससे परेशान होकर ममता ने आखिरकार मौत को गले लगा लिया.
आपको बता दें कि ममता के 2 बेटे भी हैं- एक 5 साल का और एक डेढ़ साल का. ममता ने खेत में एक पेड़ पर लटककर अपनी जान दें दी. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पोस्टमॉर्टम कराया. घटना की खबर पुलिस को उसके जीजा ने दी. फिलहाल पुलिस ने मृतका के भाई की शिकायत पर ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
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