भिवानी : भिवानी में पहली सरकारी टेक्सटाइल लैब खुलने जा रही है. पहले यहाँ वस्त्र तकनीकी पर शोध कार्य और उसकी जांच करने के लिए केवल प्राइवेट लैब ही उपलब्ध थे. इन प्राइवेट लैब में उद्योगपतियों को काफी खर्चा करके कपडे क़ी गुणवत्ता क़ी जांच करानी पडती थी, जिससे उन्हे काफी नुकसान होता था. लेकिन अब सरकार ने घोषणा की है कि 5 करोड़ की लागत से भिवानी के ‘द टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्सटाइल एंड साइंसस’ में नई सरकारी टेक्सटाइल लैब बनायीं जायेगी.
आपको बता दें कि इस नई लैब के बनने से उद्योग में तो फायदा होगा ही होगा, साथ ही इस कॉलेज के बच्चों के शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा. बच्चों को लैब के माध्यम से नई तकनीक के बारे में अवगत कराया जायेगा. नई तकनीक से अवगत होने के कारण युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर खुलेंगे. अब छात्र लैब में प्रैक्टिकल शिक्षा भी हासिल कर पाएंगे.
88 साल से भी पुराना इतिहास है टीआईटी का
आपको बता दें कि टीआईटी यानि कि ‘टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्सटाइल एंड साइंसस’ का निर्माण 1943 में हुआ था. यह भारत की सबसे पुरानी टेक्नोलॉजी में से एक है. इसे उद्योगपति घनश्याम दास बिरला ने बनवाया था. फिलहाल इस कॉलेज में टेक्सटाइल से संबंधित तीन कोर्स भी कराये जाते हैं, जिसमें आस-पास के काफी बच्चे पढ़ते है.
टीआईटी के निर्देशक डॉक्टर जीके त्यागी ने बताया कि इस लैब के बनने से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा. यहाँ टेक्सटाइल से संबंधित अनुसन्धान हो सकेंगे. इससे तकनीकी में भी विकास हो सकेगा और बच्चों क़ी शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा.