कुरुक्षेत्र : दरअसल 60 वर्षीय रोहित मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर डिस्ट्रिक्ट के बिजुअल गांव में रहता था और वही पर होमगार्ड की नौकरी करता था. 28 वर्ष पहले एक दिन वह अपने घर से काम पर निकला पर घर वापस नहीं आया. परिवार वालो ने उसे ढूंढने की काफ़ी कोशिश भी की लेकिन वह नहीं मिला. मरा समझकर परिवार वालो ने उसका पिंडदान तक कर दिया था.
एएसआई राजेश कुमार ने बताया कि दरअसल बुजुर्ग यमुनानगर के मगरपुरा गांव में नी आसरे दा आसरा आश्रम में रह रहा था. उन्होंने बताया कि 2021 में ही कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में रोहित इस आश्रम के संचालक से मिला था. उस समय रोहित की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसलिए उसे आश्रम ले जाया गया. जहाँ उसका इलाज किया गया. जब उसकी हालत में सुधार हुआ तो क्राइम ब्रांच पंचकुला क़ी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को जानकारी दी गई.
इसके बाद एएसआई राजेश कुमार ने बुजुर्ग से बात क़ी, जिसमें उसने अपने गांव का नाम बिजुअल बताया. इस नाम के कई गांव थे, इसलिए इस नाम के हर गांव के मुखिया को उसकी फोटो भेजी गई. जिसके बाद एक गांव के मुखिया ने उसे पहचाना. इसके तुरंत बाद उसके परिवार वालो को खबर क़ी गई और वीडियो कॉल पे बात भी कराई गई.
परिवार जनों को नहीं था कि मिलेगा ज़िंदा
परिवार वालो के आँखों में आंसू थे. लेकिन ख़ुशी के. उन्हे यकीन न था क़ी 28 साल बाद रोहित वापस मिल जाएगा जो कि 14 साल की उम्र में गायब हुआ था. आज वह गुरुग्राम के मारुती कंपनी में नौकरी करता है. परिवार वाले वहाँ पहुचे और बुजुर्ग को अपने साथ घर ले गए.